भारत ने एक बार फिर चीन को स्पष्ट संदेश दिया है कि जब तक सभी सीमा विवाद हल नहीं हो जाते, भारत और चीन के बीच संबंध सामान्य नहीं होने वाले हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि सीमावर्ती इलाकों में शांति होने तक चीन के साथ भारत के संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं।
एस जयशंकर ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति का माहौल नहीं होगा, जब तक समझौतों का पालन नहीं किया जाता।
भारत चीन से क्यों नाराज है?
गलवान घाटी झड़पों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि 2020 में जो हुआ वह एक पार्टी का प्रयास था और हम जानते हैं कि यह कौन था।
एस जयशंकर ने कहा, ‘क्या हमने तब से प्रगति की है? कुछ मायनों में, हाँ। कई परस्पर विरोधी बिंदु थे। ऐसी सैन्य तैनाती थी जो असुविधाजनक रूप से एक साथ करीब थीं, लेकिन मेरा मानना है कि साझा और आपसी सुरक्षा को बनाए रखने के लिए उनमें से कुछ मुद्दों को सुलझा लिया गया है।
खतरनाक हो गए हैं भारत-चीन संबंध
जून 2020 में गलवान घाटी में एक लड़ाई के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था। डेमचोक और देपसांग के पूर्वी लद्दाख क्षेत्रों में गतिरोध अभी तक हल नहीं हुआ है, इस तथ्य के बावजूद कि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक वार्ता के माध्यम से शत्रुता के फ्लैशपॉइंट से अपनी सेना को खाली कर दिया है।
भारत ने लगातार यह तर्क दिया है कि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिरता पर निर्भर करती है। 5 मई, 2020 को पैंगोंग झील के पास भीषण झड़पों के बाद, पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया।