कोरोना महामारी ने दुनिया को हिला कर रख दिया है | अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करोड़ों कर्मचारियों को कंपनियों ने घर भेज दिया है। इसके चलते कर्मचारियों की नौकरी चली गई। कोविड के समय में अगर सभी सेक्टर ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं तो वह सिर्फ आईटी सेक्टर है। उस समय कंपनियों ने घाटे से बचने के लिए कर्मचारियों को वर्किंग होम तक सीमित कर दिया था। अभी उन्होंने इसे खरीदा है। लेकिन हाल ही में वैश्विक मंदी आई है। Google, Apple, Facebook जैसी दिग्गज कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। हाल ही में खबर आई थी कि टीसीएस ने कर्मचारियों की छंटनी की है। वहीं विप्रो ने चांदनी के नाम पर 300 कर्मचारियों की छंटनी की।
अब कोरोना का असर कम हो गया है | इसके साथ ही वे अपने कर्मचारियों को अपने कार्यालयों में बुला रहे हैं। टीसीएस और विप्रो जैसी कंपनियां पहले ही अपने कर्मचारियों को ई-मेल भेज चुकी हैं। सप्ताह में तीन दिन कार्यालय आने के आदेश भी जारी किए गए। इंफोसिस एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने अपने कर्मचारियों को उनकी पसंदीदा नीति के साथ जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि.. कर्मचारी अब उल्टा उन कंपनियों को डरा रहे हैं। उनका कहना है कि दफ्तर आएंगे तो इस्तीफा दे देंगे। एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है। कंपनियां चांदनी से डरती हैं। आईटी कंपनियों के अपने कार्यालयों में आने की पृष्ठभूमि में, वे अन्य उपयुक्त नौकरियों की तलाश में हैं। स्टाफिंग सर्विसेज कंपनी के सर्वे के मुताबिक करीब 88 फीसदी कर्मचारी ऑफिस आने के लिए कहे जाने पर नौकरी छोड़ने को तैयार हैं। इनमें से 46 फीसदी कामकाजी मां हैं। य़े हैं इसके अलावा, देखभाल करने वाले घर से काम करने के दृष्टिकोण की मांग कर रहे हैं। 46 प्रतिशत अधिक वेतन वाली नौकरियों की तलाश में हैं। शेष 8 प्रतिशत ने कहा कि उनके नियोक्ता उन्हें कार्यालय के ढांचे में प्रतिबंधित करते हैं और उनके शौक को पसंद नहीं करते हैं।