सरकार द्वारा सूरजमुखी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के वादे के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया

सरकार द्वारा सूरजमुखी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के वादे के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया

कुरुक्षेत्र में महापंचायत करने के बाद किसानों ने दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे जाम कर दिया. (फोटो साभार: पीटीआई)

हरियाणा सरकार भी प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को रिहा करने पर राजी हो गई है।

नयी दिल्ली: मनोहर लाल खट्टर की सरकार के खिलाफ न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज की खरीद नहीं करने का विरोध कर रहे हरियाणा के किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को माने जाने के बाद यह घटनाक्रम हुआ है।

साथ ही हरियाणा सरकार ने हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करने के साथ-साथ उन पर लगे सभी आरोपों को वापस लेने की मांगों पर भी हामी भर दी है.

हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि सरकार सूरजमुखी की फसल खरीद कर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दे रही है या खुले बाजार में केवल अंतर की राशि का भुगतान करेगी। एनडीटीवी किसानों के हवाले से बताया।

सोमवार से किसानों ने दिल्ली-चंडीगढ़, राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को जाम कर दिया है और भीड़भाड़ से बचने के लिए ट्रैफिक भी डायवर्ट कर दिया गया है.

कुरुक्षेत्र के डीसी शांतनु शर्मा ने घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा किसानों को आवश्यक सहायता प्रदान की है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सूरजमुखी फसलों के एमएसपी को बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की है.

हरियाणा सरकार से मुलाकात के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वे आंदोलन खत्म कर रहे हैं. टिकैत ने कहा कि सड़कें यातायात की आवाजाही के लिए भी खुली रहेंगी, उन्होंने कहा कि किसान विरोध कर रहे थे ताकि फसलों को एमएसपी पर खरीदा जा सके।

इससे पहले टिकैत ने कहा कि उन्होंने प्रशासन के साथ कई दौर की बातचीत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। बीकेयू नेता ने कहा कि यह मुद्दा हरियाणा के किसानों के साथ-साथ देश भर के किसानों को प्रभावित कर रहा है।

किसान पहले खुले बाजार में 4000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बीज बेच रहे थे और इसके अलावा उन्हें सरकार से 1000 रुपये की राहत राशि भी मिल रही थी।

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