Friday, May 9, 2025

रोहित शर्मा ने 2027 वनडे विश्व कप तक खेलने को लेकर असमंजस जताया

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने यह स्पष्ट किया है कि 2027 में होने वाले वनडे विश्व कप में उनके खेलने को लेकर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर अनुमान लगाना उचित नहीं होगा। गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती है, जो उनकी कप्तानी में व्हाइट-बॉल क्रिकेट में उनकी ट्रॉफी कैबिनेट से गायब एकमात्र आईसीसी ट्रॉफी थी।

अभी भविष्य के बारे में सोचना व्यर्थ

न्यूजीलैंड के खिलाफ दुबई में खेले गए फाइनल मुकाबले में रोहित शर्मा ने 76 रनों की शानदार पारी खेली और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार भी जीता। मैच के बाद रोहित ने यह भी दोहराया कि उनके वनडे क्रिकेट से जल्द संन्यास लेने की अटकलें नहीं लगाई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, “फिलहाल, मैं सिर्फ एक मैच और एक टूर्नामेंट को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट खेल रहा हूं। बहुत आगे की योजना बनाना मेरे लिए जरूरी नहीं है। अभी मेरा ध्यान सिर्फ अच्छी बल्लेबाजी करने और सही मानसिकता बनाए रखने पर है। मैं यह तय नहीं करना चाहता कि 2027 के विश्व कप में खेलूंगा या नहीं। इस तरह की बातें अभी करने का कोई मतलब नहीं बनता।”

एक कदम आगे बढ़ाने की नीति पर कायम

रोहित ने स्पष्ट किया कि उन्होंने हमेशा अपने करियर को एक समय में एक कदम आगे बढ़ाने की रणनीति अपनाई है और वे भविष्य को लेकर बहुत दूर तक सोचने में विश्वास नहीं रखते।

“मैंने हमेशा अपने खेल को वर्तमान पर केंद्रित रखा है और अतीत में भी मैं ऐसा ही करता आया हूं। अभी मेरा ध्यान सिर्फ क्रिकेट खेलने और इस टीम के साथ बिताए समय का आनंद लेने पर है। मुझे उम्मीद है कि मेरे साथी खिलाड़ी भी मेरे साथ खेलकर आनंद ले रहे होंगे। अभी यही सबसे महत्वपूर्ण चीज है।”

विरासत और टीम निर्माण पर विचार

अपनी कप्तानी की विरासत पर बात करते हुए रोहित ने कहा कि वे हमेशा ऐसी टीम बनाना चाहते थे जिसे विपक्ष हल्के में न ले सके।

“मैं यह नहीं तय करना चाहता कि दूसरी टीमें हमें कैसे देखें, लेकिन मैं इतना जरूर चाहता हूं कि वे हमें कभी हल्के में न लें। भले ही हम पांच विकेट गंवा चुके हों, फिर भी हमारे पास खेल को पलटने की क्षमता होनी चाहिए। जब तक मैच की आखिरी गेंद नहीं फेंकी जाती, तब तक विपक्षी टीम को हमारे खिलाफ खेलने का दबाव महसूस होना चाहिए।”

इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय टीम कभी हार नहीं मानने वाली मानसिकता के साथ खेलती है और यही एक मजबूत विरासत होगी जिसे वे छोड़कर जाना चाहते हैं।

बुमराह की चोट और शमी का महत्व

रोहित शर्मा ने यह भी बताया कि कैसे जसप्रीत बुमराह की चोट के कारण टीम को संतुलन बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ा।

“हमें पहले से ही अंदाजा था कि बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी तक फिट नहीं हो पाएंगे। चूंकि वे तेज गेंदबाज हैं और उनका करियर लंबा होना चाहिए, इसलिए हमें उनकी चोट को लेकर अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ा।”

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जब यह निश्चित हो गया कि मोहम्मद शमी इंग्लैंड के खिलाफ सफेद गेंद की सीरीज के लिए उपलब्ध होंगे, तो उन्होंने राहत की सांस ली।

“यह हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति थी, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना था कि शमी पूरी तरह से फिट होकर खेलें। आईसीसी टूर्नामेंट में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। अगर आप पिछले कुछ विश्व कप देखेंगे तो पाएंगे कि शमी ने बड़े टूर्नामेंटों में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसलिए जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दो मैच खेले तो हमें भरोसा हो गया कि बुमराह की अनुपस्थिति में भी हमारे पास एक मजबूत विकल्प मौजूद है।”

निष्कर्ष

रोहित शर्मा के बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे अपने करियर को लेकर जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहते। फिलहाल उनका ध्यान सिर्फ अपने खेल पर है और वे लंबी अवधि की योजनाओं पर विचार करने के बजाय वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन करने पर फोकस कर रहे हैं।

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