भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। इस ऐलान के बाद उनके बड़े भाई विकास कोहली ने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक नोट साझा किया, जिसमें उन्होंने विराट के अद्वितीय सफर को सलाम किया।
विराट कोहली ने सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने टेस्ट संन्यास की खबर साझा करते हुए लिखा:
“14 साल हो गए हैं जब मैंने पहली बार टेस्ट क्रिकेट में बैगी ब्लू पहनी थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर अपने साथ रखूंगा।”
उन्होंने आगे लिखा:
“सफेद कपड़ों में खेलना एक बहुत ही निजी अनुभव होता है। शांत परिश्रम, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देख पाता लेकिन जो हमेशा आपके साथ रहते हैं।”
“जब मैं इस प्रारूप से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है – लेकिन यह सही लगता है। मैंने इसमें अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा दिया है।”
“मैं खेल के लिए, मैदान पर खेलने वाले लोगों के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए आभार से भरा दिल लेकर जा रहा हूँ जिसने मुझे इस सफर में आगे बढ़ाया।”
“मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूँगा।”

विराट के बड़े भाई विकास कोहली ने भी इस मौके पर अपनी भावनाएं इंस्टाग्राम स्टोरीज़ के ज़रिए जाहिर कीं। उन्होंने विराट के रिटायरमेंट पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा:
“हमेशा गर्व होता है।”

एक और स्टोरी में उन्होंने लिखा:
“क्या शानदार सफर रहा, चैंप… आपने खेल के लिए जो किया है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती।”

विकास ने अपनी बात को इन शब्दों में खत्म किया:
“हमेशा आप पर गर्व होता है भाई।”
विराट कोहली का टेस्ट करियर
विराट कोहली ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और तब से लेकर अब तक 123 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 254 रन रहा है।
कोहली को टेस्ट क्रिकेट के “फैब फोर” में शामिल किया जाता है, जिसमें उनके साथ ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ, न्यूजीलैंड के केन विलियमसन और इंग्लैंड के जो रूट जैसे दिग्गज शामिल हैं।
एक प्रेरक नेता के रूप में, कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिनमें से भारत ने 40 में जीत दर्ज की और केवल 17 में हार झेली। वे भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने। उनके बाद महेंद्र सिंह धोनी (27 जीत, 60 मैच) और सौरव गांगुली (21 जीत, 49 मैच) का स्थान आता है।
36 वर्षीय कोहली ने सिर्फ बल्ले से ही नहीं, बल्कि अपने जोश, अनुशासन और नेतृत्व से भी भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। टेस्ट क्रिकेट से उनका जाना यकीनन एक युग का अंत है।