सुप्रभात। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता फिलहाल स्थिर बना हुआ है। पिछले 48 घंटों में सीमावर्ती क्षेत्रों में कोई बड़ी घटना नहीं घटी है। वैश्विक व्यापार युद्ध में भी तनाव कम हुआ है, क्योंकि चीन और अमेरिका अगले 90 दिनों के लिए टैरिफ में कटौती करने पर सहमत हो गए हैं।
आज के समाचार पत्र का प्रमुख विषय है — क्या अच्छा मानसून शहरी भारत की आर्थिक परेशानियों को कम कर सकता है? लेकिन उससे पहले बात करते हैं एक बड़ी बैंकिंग खबर की: जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) ने भारत के यस बैंक में भरोसा जताते हुए उसमें बड़ा निवेश किया है।
SMBC ने यस बैंक में निवेश किया
जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) ने भारत के यस बैंक में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का निर्णय लिया है। यह अब तक का भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़ा सीमा-पार निवेश माना जा रहा है। इस सौदे के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और सात अन्य ऋणदाता बैंक अपनी कुल 134.8 बिलियन रुपये (लगभग $1.58 बिलियन) की संयुक्त हिस्सेदारी SMBC को बेचेंगे। इस लेन-देन के बाद SMBC यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा। फिलहाल यह डील भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी की प्रतीक्षा में है।
यह सौदा यस बैंक के पुनर्गठन की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। यस बैंक वर्ष 2017 से संकट का सामना कर रहा है, जब उस पर खराब ऋणों को कम दिखाने और अन्य कई अनियमितताओं के आरोप लगे थे। इसके बाद किए गए ऑडिट में यह खुलासा हुआ कि बैंक ने अपने बहीखातों में काफी हेरफेर की थी। नतीजतन, बैंक के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई और संस्थापक एवं तत्कालीन CEO राणा कपूर को पद छोड़ना पड़ा।
साल 2020 में यस बैंक को डूबने से बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे बड़े वित्तीय संस्थानों ने इसमें पूंजी निवेश किया था। वही हिस्सेदारी अब SMBC को बेची जा रही है।
संकट से बाहर निकलने की उम्मीद
SMBC का यह निवेश कई वर्षों में यस बैंक के लिए आई पहली सकारात्मक खबर है। बैंक के प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार ने कहा है कि वह SMBC के साथ मिलकर विकास के एक नए युग की शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक को SMBC की वैश्विक विशेषज्ञता और उच्चतम कॉरपोरेट गवर्नेंस से काफी कुछ सीखने को मिलेगा।
बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि SMBC के इस निवेश से यस बैंक को अन्य अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भी आकर्षित करने में मदद मिलेगी। सात वर्षों से संकट झेल रहा यह बैंक अब एक चेतावनी की मिसाल बन चुका है। इसके संस्थापक राणा कपूर, जो कभी एक हाई-प्रोफाइल व्यवसायी माने जाते थे, को चार साल जेल में बिताने के बाद पिछले वर्ष जमानत मिली थी। एक समय था जब यस बैंक का स्टॉक बाजार में काफी लोकप्रिय था और यह बेंचमार्क इंडेक्स का हिस्सा भी था — परंतु वह सब अतीत की बात हो गई।
SMBC का यह कदम यस बैंक के लिए नई ऊर्जा लेकर आया है, लेकिन बैंक को चाहिए कि वह विकास की दौड़ में भागने से पहले अपने आंतरिक संचालन और पारदर्शिता पर पूरा ध्यान दे। SMBC के CEO अकिहिरो फुकुटोम ने निवेश की घोषणा करते हुए कहा, “यह निवेश इस क्षेत्र में स्थायी और मूल्य-आधारित संबंधों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
शायद यही सतर्क और संतुलित दृष्टिकोण यस बैंक को उस गहराई से बाहर निकालने में मदद करे, जिसमें वह खुद फंसा था।