अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऑटोमोबाइल निर्माताओं पर टैरिफ (शुल्क) के प्रभाव को कम करने पर सहमति जताई है। यह कदम उन कंपनियों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है जो विभिन्न प्रकार के शुल्कों से प्रभावित हो रही थीं।
यह घोषणा डेट्रॉइट के पास मंगलवार रात को आयोजित की जाने वाली ट्रम्प रैली से पहले सामने आई है, जो राष्ट्रपति पद पर उनके पहले 100 दिनों की उपलब्धियों को चिह्नित करने के लिए हो रही है।
इस फैसले के तहत, जो कंपनियां कारों के आयात पर 25 प्रतिशत का टैरिफ अदा कर रही हैं, उन्हें अब स्टील और एल्युमीनियम जैसे अन्य कच्चे माल पर अलग से शुल्क नहीं देना होगा। यह जानकारी सबसे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दी थी।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रम्प प्रशासन विदेशी ऑटो पार्ट्स पर लगाए जाने वाले शुल्क के बदले कुछ हद तक प्रतिपूर्ति की अनुमति भी दे रहा है। ये शुल्क 3 मई से प्रभावी होने वाले थे।
अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनियां टैरिफ के सबसे बड़े शिकारों में से एक रही हैं, क्योंकि ये टैरिफ विशेष रूप से मेक्सिको और कनाडा से आने वाले आयात को प्रभावित करते हैं। ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (NAFTA) पर फिर से बातचीत की थी, जिसके बाद डेट्रॉइट की कंपनियों ने इन बाजारों में निवेश बनाए रखा।
विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ के कारण वाहनों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे अमेरिकी कारों की बिक्री पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और रोजगार को भी खतरा हो सकता है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने इस समझौते को “एक महत्वपूर्ण साझेदारी” बताया। उन्होंने कहा, “यह सौदा राष्ट्रपति की व्यापार नीति के लिए एक बड़ी जीत साबित होगा। इससे न सिर्फ पहले से ही अमेरिका में उत्पादन करने वाली कंपनियों को लाभ मिलेगा, बल्कि उन कंपनियों को भी एक अवसर मिलेगा जो अमेरिका में निवेश और निर्माण विस्तार के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इस निर्णय का अमेरिकी वाहन निर्माताओं ने स्वागत किया है। जनरल मोटर्स की CEO मैरी बारा ने कहा, “हम राष्ट्रपति ट्रम्प के आभारी हैं, जिन्होंने अमेरिकी ऑटोमोटिव उद्योग और उस पर निर्भर लाखों अमेरिकियों का समर्थन किया।”