Wednesday, May 14, 2025

ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तानी नागरिक की प्रतिक्रिया

भारत के हालिया सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान के एक नागरिक ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए न केवल भारतीय सेना का समर्थन किया, बल्कि अपने देश द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने की कड़ी आलोचना भी की। इस व्यक्ति का नाम अभय है, जो पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं और स्वयं को एक पाकिस्तानी हिंदू बताते हैं।

इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में अभय ने बेबाकी से कहा, “मैं पाकिस्तानी हूं और मैं साफ तौर पर कहूंगा—भारत को जवाब देने का पूरा अधिकार है।” उन्होंने आगे कहा, “पहले आप उनके नागरिकों पर हमला करते हैं, और जब वे जवाब देते हैं, तो अचानक सबको शांति और मानवाधिकारों की याद आने लगती है। लेकिन जब 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, तब वही ऊर्जा कहां थी?”

अभय की यह टिप्पणी उस समय सामने आई है जब इस्लामाबाद सरकार ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर को “अकारण आक्रामकता का कृत्य” करार दिया है।

अभय ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “कोई भी युद्ध नहीं चाहता—न भारत और न ही पाकिस्तान। लेकिन जब आप आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, और फिर वही आतंकवाद आपके खिलाफ पलटता है, तो हैरान मत होइए। जब आपके अपने लोग मारे नहीं जा रहे हों, तो शांति की बातें करना आसान होता है।”

भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का समर्थन करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया, “भारत ने कभी इसकी शुरुआत नहीं की। उन्होंने सिर्फ जवाब दिया। और मेरे लिए, यह कोई युद्ध नहीं बल्कि न्याय है।” उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “एक पाकिस्तानी हिंदू के रूप में, यह मेरी राय है। जय हिंद।”

ऑपरेशन सिंदूर: पृष्ठभूमि

भारत का ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी इकाइयों पर लगाई गई थी।

इसके जवाब में, 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाते हुए एक सटीक और तीव्र सैन्य अभियान चलाया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभियान केवल 25 मिनट चला, लेकिन इसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और बढ़ता तनाव

ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी गोलाबारी शुरू कर दी, खासकर जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले में। बालाकोट, मेंढर, कृष्णा घाटी और मनकोट जैसे क्षेत्रों में की गई इस गोलाबारी में कम से कम 16 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए।

पाकिस्तान ने इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में कई भारतीय शहरों को ड्रोन और मिसाइल हमलों से निशाना बनाने की भी कोशिश की, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने समय रहते विफल कर दिया।

तीन दिनों की भीषण झड़पों और गोलाबारी के बाद दोनों देशों ने सीमा पर गोलीबारी बंद करने पर सहमति जताई। हालांकि, यह शांति क्षणिक साबित हुई, क्योंकि कुछ ही घंटों में पाकिस्तान ने श्रीनगर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में नए ड्रोन हमले करके संघर्षविराम का उल्लंघन कर दिया।

जहां एक ओर भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए निर्णायक कदम उठा रहा है, वहीं पाकिस्तान के ही कुछ नागरिक अब खुलकर यह स्वीकार करने लगे हैं कि आतंकवाद को प्रश्रय देने की नीति अब खुद उनके देश के लिए खतरनाक साबित हो रही है। अभय जैसे लोगों की आवाज़ इस बात का संकेत है कि शायद अब समय आ गया है जब सच को स्वीकारना और शांति की दिशा में ठोस कदम उठाना दोनों देशों के लिए जरूरी हो गया है।

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