ट्रांसरेल लाइटिंग के शेयर शुक्रवार को 36.57% के प्रीमियम के साथ शेयर बाजार में प्रवेश किए। एनएसई पर कंपनी के शेयर 590 रुपये के स्तर पर सूचीबद्ध हुए। वहीं, बीएसई पर यह 35.45% की बढ़त के साथ 585.15 रुपये पर शुरू हुए।
कंपनी के शेयर ग्रे मार्केट में 165 रुपये के प्रीमियम के साथ कारोबार कर रहे थे। हालांकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) केवल इस बात का संकेत है कि शेयर गैर-सूचीबद्ध बाजार में कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, और इसमें तीव्र बदलाव संभव है।
आईपीओ को मिली शानदार प्रतिक्रिया
ट्रांसरेल लाइटिंग के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिससे यह 80 गुना सब्सक्राइब हुआ। 839 करोड़ रुपये के इस आईपीओ में 400 करोड़ रुपये का नया इक्विटी इश्यू और 438 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) शामिल था।
कंपनी की पृष्ठभूमि और विशेषज्ञता
2008 में स्थापित ट्रांसरेल लाइटिंग एक प्रमुख इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी है, जो बिजली पारेषण और वितरण में विशेषज्ञता रखती है। कंपनी जालीदार संरचनाएं, कंडक्टर और मोनोपोल का निर्माण करती है।
अपनी स्थापना के बाद से, कंपनी ने 200 से अधिक पारेषण और वितरण परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं। ट्रांसरेल लाइटिंग ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, नाइजर, नाइजीरिया, माली और कैमरून सहित 58 देशों में टर्नकी ईपीसी (EPC) और आपूर्ति परियोजनाओं को अंजाम दिया है।
जून 2024 तक, कंपनी ने 34,654 सीकेएम (CKM) ट्रांसमिशन लाइनों और 30,000 सीकेएम वितरण लाइनों की ईपीसी पूरी कर ली है।
बाजार की स्थिति और संभावनाएं
पिछले कुछ वर्षों में भारत में बिजली पारेषण और वितरण नेटवर्क का तेज़ी से विस्तार हुआ है। वित्त वर्ष 2019 में भारत की कुल ट्रांसमिशन लाइनों की लंबाई 413,407 सीकेएम थी, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 485,544 सीकेएम हो गई।
साथ ही, भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, जो 6.30 मिलियन किलोमीटर तक फैला है। हाई मास्ट लाइटिंग की मांग में वृद्धि का मुख्य कारण नए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का निर्माण है। भारत में अगले पांच वर्षों में हर साल लगभग 5,000 किलोमीटर हाईवे बनाने की योजना है, जिससे हाई मास्ट लाइटिंग की मांग और बढ़ेगी।
वित्तीय प्रदर्शन और शेयर बाजार का निष्कर्ष
कंपनी का परिचालन राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 30% की सालाना वृद्धि के साथ 413 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसी अवधि में, कंपनी का शुद्ध लाभ दोगुने से अधिक होकर 233 करोड़ रुपये हो गया।
लिस्टिंग के दिन कारोबार समाप्ति पर, कंपनी के शेयर 553.30 रुपये पर बंद हुए, जो लिस्टिंग मूल्य से 31.85 रुपये या 5.44% नीचे और निर्गम मूल्य से 121.30 रुपये या 28% ऊपर था।