बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले पर कर्नाटक सरकार ने सोमवार, 10 जून 2025 को हाईकोर्ट में अहम बयान दिया। सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशिकिरण शेट्टी ने अदालत को बताया कि यह भगदड़ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए प्रचार पोस्ट के कारण हुई। उन्होंने कहा कि RCB और उसके इवेंट पार्टनर डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क ने अपने विशाल फॉलोअर्स बेस (130 मिलियन से अधिक) के बावजूद विजय परेड के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली।
सरकार का पक्ष:
जस्टिस एस.आर. कृष्ण कुमार की अदालत में सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने कहा, “RCB ने सोशल मीडिया पर मुफ्त पास देने की घोषणा की, जबकि उन्हें अच्छी तरह पता था कि उनका प्रभाव कितना व्यापक है।” उन्होंने आरोप लगाया कि आयोजकों ने न केवल सुरक्षा दिशानिर्देशों की अनदेखी की, बल्कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों से भी कोई संपर्क नहीं किया।
सरकार ने इस घटना को घोर लापरवाही बताया और कहा कि आयोजकों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जानी चाहिए।
आरसीबी का जवाब:
इसके विपरीत, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की कानूनी टीम ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि उपस्थिति केवल पूर्व पंजीकरण के आधार पर होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता सी.वी. नागेश ने अदालत को बताया, “फ्री पास सीमित थे और इन्हें पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर जारी किया गया था, वह भी स्टेडियम की क्षमता के अनुसार।”
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने स्वयं सोशल मीडिया के माध्यम से खिलाड़ियों और प्रशंसकों को विधान सौध में होने वाले अभिनंदन समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया था। ऐसे में सरकार की ओर से भी भीड़ को एकत्र होने के लिए प्रोत्साहन दिया गया।
घटना का विवरण और तकनीकी गड़बड़ी:
याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि कार्यक्रम के दिन दोपहर 3 बजे गेट खोले गए थे, लेकिन जैसे ही क्यूआर कोड स्कैनर ने काम करना बंद किया, गेट्स को तुरंत बंद करना पड़ा। इससे बाहर जमा हुई भीड़ में अफरा-तफरी मच गई, जो अंततः भगदड़ में बदल गई।
निखिल सोसले की गिरफ्तारी पर विवाद:
RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले की गिरफ्तारी को लेकर भी अदालत में सवाल उठे। वरिष्ठ अधिवक्ता संदेश चौटा ने बताया कि सोसले को सुबह 4:30 बजे बेंगलुरु हवाई अड्डे पर केंद्रीय अपराध शाखा (CCB) ने गिरफ्तार कर लिया, जब वह अपनी पत्नी और छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रहे थे। चौटा ने कहा कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के हिरासत में लिया गया और गिरफ्तारी की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। हालांकि, उन्हें बाद में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।
आगे की सुनवाई:
कोर्ट ने निखिल सोसले की याचिका पर अगली सुनवाई मंगलवार को तय की है, जबकि अन्य संबंधित याचिकाओं की सुनवाई गुरुवार को होगी।
यह पूरा मामला अब कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और आने वाले दिनों में इसका कानूनी निष्कर्ष सामने आएगा।

