Tuesday, February 25, 2025

RCB की घरेलू हार पर सामरिक चिंताएँ गहराई

स्मृति मंधाना जश्न मना रही भीड़ से जल्दी बाहर निकलीं और अपने कोचिंग स्टाफ के साथ चर्चा करने के लिए आरसीबी डगआउट की ओर दौड़ीं। ऋचा घोष ने अंतिम क्षणों में एमएस धोनी की तरह अपनी फुर्ती दिखाते हुए नंगे हाथों से स्टंप तोड़कर यूपी वॉरियर्स के आखिरी बल्लेबाज को रन आउट कर दिया। यूपी वॉरियर्स को जीत के लिए अंतिम वैध डिलीवरी पर केवल एक रन चाहिए था, लेकिन उनका आखिरी बल्लेबाज रन आउट हो गया, जिससे महिला प्रीमियर लीग का पहला सुपर ओवर संभव हुआ।

दूसरी ओर, जॉन लुईस और उनकी टीम को तुरंत कुछ अहम निर्णय लेने पड़े। दो रात पहले समानांतर पिच पर अपनी बड़ी हिटिंग के कारण चिनेल हेनरी को यह मौका मिला, और उन्होंने पैड पहनकर मैदान में उतरने की तैयारी कर ली। कुछ ही क्षणों में ग्रेस हैरिस भी उनके साथ शामिल हो गईं। डगआउट में, सोफी एक्लेस्टोन, जिन्होंने इससे पहले महत्वपूर्ण रन जोड़े थे, सुपर ओवर में संभावित बल्लेबाजी के लिए मानसिक रूप से तैयार हो रही थीं।

एक्लेस्टोन क्रांति गौड के अंतिम गेंद पर एक रन लेकर स्ट्राइक देने के फैसले से नाखुश थीं, जब वॉरियर्स को दो गेंदों में दो रन की जरूरत थी। हालांकि, खेल समाप्त होने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने हार की कगार से अपनी टीम को जीत दिलाई थी।

आरसीबी की रणनीतिक चूक

यूपी वॉरियर्स को अंतिम तीन ओवरों में 42 रन चाहिए थे और उनके पास केवल दो विकेट शेष थे, जिससे यह आरसीबी के लिए लगभग सुनिश्चित जीत जैसा लग रहा था। हालांकि, एक्लेस्टोन ने जॉर्जिया वेयरहैम की दो ढीली गेंदों को स्क्वायर लेग और सीधा मैदान पार छक्कों में बदल दिया, जिससे समीकरण बदल गया। जब अंतिम ओवर में यूपी वॉरियर्स को 18 रन की जरूरत थी, तो आरसीबी की कप्तान स्मृति मंधाना ने रेणुका ठाकुर को गेंद सौंपने का निर्णय लिया, जो उनकी पहली बड़ी सामरिक भूल साबित हुई।

ठाकुर ने पहली गेंद पर एक्लेस्टोन को रन नहीं बनाने दिया, लेकिन फिर लगातार तीन बार अपनी लाइन और लेंथ में चूक कर दो छक्के और एक चौका दे दिया। इससे स्टेडियम में मौजूद 28,000 दर्शक चौंक गए। इस फैसले पर सवाल उठे कि क्या ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एलिस पेरी इस महत्वपूर्ण ओवर के लिए बेहतर विकल्प होतीं।

पेरी ने हाल ही में चोट से वापसी की थी और शायद इसी कारण उनके गेंदबाजी ओवर सीमित थे। हालांकि, स्नेह राणा ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ठाकुर को अंतिम ओवर देने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, “रेणुका दुनिया की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक हैं और हमने उन पर भरोसा किया। यह टी20 क्रिकेट है, जहां उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।” लेकिन जब सुपर ओवर आया, तो आरसीबी ने ठाकुर के बजाय किम गर्थ को गेंदबाजी कराई, जिन्होंने केवल आठ रन दिए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि टीम प्रबंधन को भी एहसास हुआ कि ठाकुर लय में नहीं थीं।

सुपर ओवर में आरसीबी की दूसरी गलती

आरसीबी ने सुपर ओवर में एक्लेस्टोन के खिलाफ बाएं हाथ की बल्लेबाज स्मृति मंधाना को भेजने का फैसला किया, लेकिन यह रणनीति उल्टी पड़ गई। मंधाना पूरे ओवर में एक भी बड़ा शॉट नहीं लगा सकीं और आरसीबी केवल चार रन बना सकी। इस बीच, पेरी – जिन्होंने पहले 90 रनों की शानदार पारी खेली थी – पैड बांधे बाउंड्री पर बैठी रहीं, जबकि उनकी टीम संघर्ष कर रही थी।

आरसीबी की कमजोरी: डेथ ओवर की गेंदबाजी

आरसीबी ने अपने पिछले दो घरेलू मैचों में करीबी मुकाबलों में हार झेली है। मुंबई इंडियंस के खिलाफ पिछले मैच में 19वें ओवर में अमनजोत कौर ने शानदार बल्लेबाजी कर उनकी रणनीति को विफल किया था। इस बार, यूपी वॉरियर्स ने अंत के ओवरों में आक्रामक खेल दिखाकर जीत छीन ली।

हालांकि, इन हारों का अंक तालिका पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन महिला प्रीमियर लीग 2025 के इस प्रतिस्पर्धी सीजन में छोटी-छोटी गलतियां भी प्लेऑफ की दौड़ से बाहर कर सकती हैं। आरसीबी को अपनी डेथ ओवर रणनीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है, ताकि वे ऐसे करीबी मुकाबलों को जीत में बदल सकें।

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