Monday, November 17, 2025

PM मोदी ने म्यांमार के जुंटा प्रमुख से की मुलाकात, समावेशी और विश्वसनीय चुनावों की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को म्यांमार के सैन्य प्रमुख और जुंटा प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की और देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शीघ्र बहाली के लिए “समावेशी और विश्वसनीय चुनावों” के आयोजन का आह्वान किया। यह बैठक बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम) शिखर सम्मेलन के दौरान हुई।

यह पहली बार है जब भारत ने म्यांमार में इतने उच्च स्तर पर लोकतांत्रिक चुनावों की सार्वजनिक रूप से मांग की है। प्रधानमंत्री मोदी और जुंटा प्रमुख की यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी, जो म्यांमार में फरवरी 2021 में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद हुई।

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध को समाप्त करने के लिए समावेशी संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश में जारी जातीय संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता और स्थायी शांति केवल सभी पक्षों की भागीदारी वाले संवाद से ही संभव है।

प्रधानमंत्री ने म्यांमार में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की और राहत तथा पुनर्वास कार्यों में सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने भूकंप के बाद लागू संघर्ष विराम को स्थायी रूप देने का भी आह्वान किया।

विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने म्यांमार में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में मदद के लिए मांडले के पास एक सैन्य फील्ड अस्पताल तैनात किया है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के कर्मियों को भी राहत कार्यों में सहायता हेतु भेजा गया है।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने “लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शीघ्र बहाली के लिए समावेशी और विश्वसनीय चुनावों के महत्व को रेखांकित किया।” साथ ही उन्होंने कहा कि भारत म्यांमार के नेतृत्व वाले और म्यांमार के स्वामित्व वाले संक्रमण को शांतिपूर्ण, स्थिर और लोकतांत्रिक भविष्य की ओर ले जाने में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि म्यांमार में जातीय हिंसा की मानवीय लागत बहुत अधिक है और इसे समाप्त करने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा।

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर ठगी केंद्रों से भारतीय नागरिकों को बचाने और उन्हें स्वदेश लाने में म्यांमार सरकार द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

दोनों देशों के नेताओं ने भारत-म्यांमार सीमा पर हो रही उग्रवादी गतिविधियों, अंतरराष्ट्रीय अपराध और मानव तस्करी से निपटने के लिए आपसी सहयोग की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की।

सैन्य प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने बिम्सटेक सम्मेलन के अंतर्गत आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में भी हिस्सा लिया। थाईलैंड के विदेश मंत्रालय के अनुसार, बिम्सटेक देशों के मंत्रियों ने आपदा प्रबंधन सहित अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।

यह बैठक भारत-म्यांमार संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुई, जहां भारत ने पहली बार म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली को लेकर स्पष्ट और मजबूत संदेश दिया।

Latest news
Related news