राजपूताना बायोडीजल के आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) को निवेशकों से भारी प्रतिक्रिया मिली है। 13,85,000 शेयरों के मुकाबले इस इश्यू के लिए कुल 89,44,49,000 शेयरों की बोलियां प्राप्त हुईं, जिससे यह इश्यू 645.81 गुना सब्सक्राइब हुआ।
विभिन्न निवेशकों का योगदान
- खुदरा निवेशकों ने 46,96,90,000 शेयरों के लिए बोलियां लगाईं।
- गैर-संस्थागत निवेशकों ने 36,35,62,000 शेयरों के लिए आवेदन किया।
- योग्य संस्थागत निवेशकों ने 6,11,97,000 शेयरों की बोलियां प्रस्तुत कीं।
आईपीओ की अवधि और मूल्य बैंड
यह इश्यू 26 नवंबर 2024 को खुला और 28 नवंबर 2024 को बंद हुआ। शेयर का मूल्य बैंड 123 रुपये से 130 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया था। इश्यू में 13,85,000 इक्विटी शेयरों का नया इश्यू शामिल था। यह कंपनी के इक्विटी शेयर एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध किए जाएंगे।
शेयरधारिता में बदलाव
इस इश्यू के बाद प्रमोटर और प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 90% से घटकर 65.68% रह जाएगी।
निधियों का उपयोग
आईपीओ के जरिए जुटाई गई धनराशि का उपयोग कंपनी निम्नलिखित कार्यों के लिए करेगी:
- कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करना।
- मौजूदा इकाइयों का विस्तार करना।
- अपनी सहायक कंपनी निर्वाणराज एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एनईपीएल) को ऋण प्रदान करना।
- इश्यू से जुड़े खर्चों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए।
एंकर निवेशकों का योगदान
कंपनी ने 25 नवंबर 2024 को एंकर निवेशकों से 6.69 करोड़ रुपये जुटाए। इस दौरान 4 एंकर निवेशकों को 130 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 5.15 लाख शेयर आवंटित किए गए।
कंपनी का व्यवसाय
राजपूताना बायोडीजल मुख्य रूप से जैव ईंधन (बायोडीजल) और उसके उप-उत्पादों जैसे ग्लिसरीन और फैटी एसिड के निर्माण और आपूर्ति का काम करती है। कंपनी का उद्देश्य अपने उप-उत्पादों में मूल्य जोड़ने और बायोडीजल के निर्यात की संभावनाओं का विस्तार करना है।
उत्पादन क्षमता
कंपनी की विनिर्माण सुविधा को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह बाजार की जरूरतों के अनुसार विभिन्न प्रकार के फीडस्टॉक्स को संभाल सके।
वित्तीय प्रदर्शन
31 जुलाई 2024 तक, कंपनी ने:
- 26.72 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया।
- 2.59 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
कंपनी के पास 31 जुलाई 2024 तक कुल 30 स्थायी कर्मचारी थे।
राजपूताना बायोडीजल की यह सफलता न केवल आईपीओ में निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है, बल्कि जैव ईंधन के क्षेत्र में इसके बढ़ते महत्व को भी उजागर करती है।