भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल कर लिया गया है। यह सम्मान उन्हें सोमवार को लंदन में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया गया। धोनी उन सात नए खिलाड़ियों (पांच पुरुष और दो महिलाएं) में शामिल हैं जिन्हें इस प्रतिष्ठित सूची में जोड़ा गया है। अब वह ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले 11वें भारतीय और नौवें भारतीय पुरुष क्रिकेटर बन गए हैं।
धोनी ने इस सम्मान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है। यह दुनिया भर के कई पीढ़ियों के क्रिकेटरों के योगदान को सम्मानित करता है और मैं इस उपलब्धि को हमेशा संजो कर रखूंगा।”
M.S. धोनी का करियर
धोनी ने 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसके बाद 2007 में कप्तान बनने के बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी कप्तानी में भारत ने तीन आईसीसी ट्रॉफियां जीतीं—
- 2007 टी20 वर्ल्ड कप,
- 2011 वनडे वर्ल्ड कप, और
- 2013 चैंपियंस ट्रॉफी।
उनके आंकड़े भी बेहद प्रभावशाली रहे—
- वनडे क्रिकेट में: 350 मैच, 10,773 रन, औसत 50.57, 10 शतक और 73 अर्द्धशतक।
- टेस्ट क्रिकेट में: 90 मैच, 4,876 रन, औसत 38.09, 6 शतक, और करीब 300 विकेटकीपिंग आउट।
धोनी ने अगस्त 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया, जो 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के लगभग एक साल बाद आया था।
रवि शास्त्री की प्रतिक्रिया
भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने धोनी के व्यक्तित्व और धैर्य की प्रशंसा करते हुए कहा,
“मैंने अपने करियर में बहुत से क्रिकेटरों को देखा है, लेकिन धोनी जैसा शांत स्वभाव और संतुलन बहुत दुर्लभ है। यहां तक कि महान सचिन तेंदुलकर भी कभी-कभी भावुक हो जाते थे, लेकिन धोनी हमेशा संयमित रहे।”
अन्य शामिल खिलाड़ी
इस साल आईसीसी हॉल ऑफ फेम में धोनी के साथ जो अन्य नाम शामिल हुए हैं, वे हैं—
- मैथ्यू हेडन (ऑस्ट्रेलिया),
- डेनियल विटोरी (न्यूजीलैंड),
- हाशिम अमला (दक्षिण अफ्रीका),
- ग्रीम स्मिथ (दक्षिण अफ्रीका),
- सना मीर (पाकिस्तान),
- सारा टेलर (इंग्लैंड)।
इन सभी खिलाड़ियों को उनके अंतरराष्ट्रीय करियर में शानदार योगदान के लिए यह गौरव प्राप्त हुआ है।
M.S. धोनी का आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना सिर्फ उनके अद्वितीय खेल कौशल का ही नहीं, बल्कि उनके नेतृत्व, शांति और देश के प्रति समर्पण का भी प्रतीक है। यह सम्मान न केवल उनके लिए, बल्कि हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के लिए गर्व का क्षण है।