Friday, July 11, 2025

Kim Jong-Un भड़के: उत्तर कोरिया के युद्धपोत के असफल प्रक्षेपण ने बढ़ाई चिंता

उत्तर कोरिया के पूर्वी बंदरगाह शहर चोंगजिन में आयोजित एक भव्य समारोह उस समय शर्मिंदगी में बदल गया जब देश के तानाशाह Kim Jong-un की उपस्थिति में नौसेना के एक नए युद्धपोत का प्रक्षेपण बुरी तरह विफल हो गया। यह जहाज़, जो उत्तर कोरियाई नौसेना के अब तक के सबसे भारी विध्वंसक श्रेणी के जहाजों में से एक था, लॉन्चिंग के दौरान असंतुलित होकर पलट गया और क्षतिग्रस्त हो गया।

सरकारी समाचार एजेंसी KCNA के अनुसार, यह घटना बुधवार को हुई, जब लगभग 5,000 टन वजनी विध्वंसक जहाज को पानी में उतारा जा रहा था। प्रक्षेपण प्रक्रिया में गड़बड़ी के चलते जहाज़ का संतुलन बिगड़ गया, जिससे वह आंशिक रूप से पलट गया और उसके पतवार के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए।

Kim Jong-Un, जो खुद इस प्रक्षेपण कार्यक्रम में मौजूद थे, इस दुर्घटना से बेहद नाराज़ हो गए। KCNA ने उनकी प्रतिक्रिया को उद्धृत करते हुए बताया कि उन्होंने इसे “गंभीर दुर्घटना और आपराधिक लापरवाही” करार दिया और कहा कि यह घटना “पूरी तरह से गैरजिम्मेदारी और अनुभवहीनता” का परिणाम है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

Kim ने जहाज की जल्द से जल्द मरम्मत करने का आदेश दिया, ताकि जून में होने वाली सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक से पहले इसे फिर से प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उसी बैठक में कार्रवाई की जाएगी।

दक्षिण कोरिया की सेना ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जहाज प्रक्षेपण के बाद अपनी तरफ झुका हुआ पाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह दुर्घटना उत्तर कोरिया के जहाज़ निर्माण में उपयोग की गई एक नई तकनीक — साइड लॉन्चिंग — के चलते हुई हो सकती है, जो अब तक देश में कभी इस्तेमाल नहीं की गई थी।

अमेरिका आधारित निगरानी समूह 38 नॉर्थ ने एक सप्ताह पहले प्रकाशित रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि इस बार जहाज़ को पारंपरिक ढलान वाले लॉन्च की बजाय साइड से लॉन्च किया जाएगा, क्योंकि निर्माण घाट में ढलान की व्यवस्था नहीं है। यह जल्दबाज़ी में किया गया निर्णय तकनीकी दृष्टि से जोखिमपूर्ण साबित हुआ।

यह विध्वंसक जहाज हाल के सप्ताहों में लॉन्च किया गया दूसरा 5,000 टन वजनी युद्धपोत है। इससे पहले Kim Jong-Un अपनी बेटी Ju Ae के साथ एक अन्य प्रक्षेपण कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। विशेषज्ञ जू ए को किम का संभावित उत्तराधिकारी मानते हैं।

उत्तर कोरिया का दावा है कि यह नया युद्धपोत, जिसे “Choe Hyon” नाम दिया गया है, देश के “सबसे शक्तिशाली हथियारों” से लैस होगा और इसे अगले वर्ष की शुरुआत तक परिचालन में लाया जाएगा। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह जहाज कम दूरी की सामरिक परमाणु मिसाइलों से लैस हो सकता है, हालांकि अभी तक यह प्रमाणित नहीं हुआ है कि उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु हथियारों को इतना छोटा बनाया है कि उन्हें ऐसे युद्धपोतों पर तैनात किया जा सके।

दक्षिण कोरियाई सेना और कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चो ह्योन जहाज़ रूस की मदद से विकसित किया गया हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि प्योंगयांग ने यूक्रेन युद्ध में रूस की सहायता के बदले यह तकनीकी सहायता प्राप्त की है।

उत्तर कोरिया के एक पूर्व सैनिक और वर्ल्ड इंस्टीट्यूट फॉर नॉर्थ कोरिया स्टडीज़ के प्रमुख Ahn Chan-il ने कहा कि चोंगजिन बंदरगाह की स्थिति रणनीतिक दृष्टि से अहम है, क्योंकि यह रूसी बंदरगाह व्लादिवोस्तोक के बेहद करीब है। उन्होंने यह भी बताया कि संभव है, जहाज़ निर्माण और प्रक्षेपण की समय-सीमा रूस के साथ साझा की गई हो, और जल्दबाज़ी में डॉक निर्माण की वजह से यह दुर्घटना हुई हो।

विशेषज्ञों ने यह भी नोट किया कि उत्तर कोरिया जैसी गोपनीयता रखने वाली सरकार ने इस दुर्घटना की जानकारी आश्चर्यजनक रूप से जल्दी सार्वजनिक कर दी। सियोल स्थित सेजोंग इंस्टीट्यूट के Cheong Seong-chang ने इसे किम की शासन शैली का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि किम अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए कभी-कभी सीधे तौर पर गलतियों को स्वीकार करते हैं ताकि अधिकारियों पर अधिक नियंत्रण बना रहे।

जहां एक ओर Kim Jong-Un मिसाइल विकास और रूस के साथ रणनीतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं उन्होंने मार्च में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के विकास की योजना का निरीक्षण करते हुए उत्तर कोरियाई नौसेना को “मौलिक रूप से” मज़बूत करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया था। उनका लक्ष्य देश की सतह और पानी के नीचे की नौसेनिक क्षमताओं का आधुनिकीकरण करना है — पर इस दुर्घटना ने दिखा दिया कि इस दिशा में अभी कई चुनौतियाँ बाकी हैं।

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