गुरुवार को होने वाला मुकाबला गुजरात टाइटन्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच कागजों पर भले ही औपचारिकता जैसा लगे, लेकिन इसकी अहमियत दोनों टीमों के नजरिए से काफी है। गुजरात जहां प्लेऑफ में अपनी जगह पहले ही पक्की कर चुकी है, वहीं लखनऊ की टीम प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है। बावजूद इसके, यह मैच दोनों टीमों के लिए अलग-अलग कारणों से महत्वपूर्ण है।
गुजरात टाइटन्स की नजरें अब लीग तालिका में शीर्ष दो स्थानों में जगह बनाने पर टिकी हैं, जिससे उन्हें क्वालिफायर-1 में खेलने का लाभ मिल सके। वहीं, लखनऊ सुपर जायंट्स इस सीजन का सम्मानजनक समापन करना चाहेगी और जीत के साथ विदाई लेना चाहेगी।
फिलहाल पॉइंट्स टेबल में गुजरात टाइटन्स 12 मैचों में 18 अंकों के साथ शीर्ष पर बनी हुई है। हालांकि, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स भी 17-17 अंकों के साथ पीछे हैं, जिससे शीर्ष दो की दौड़ अब भी रोमांचक बनी हुई है।
गुजरात की बल्लेबाजी इस सीजन में उसकी सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है। शुभमन गिल और बी साई सुदर्शन की जोड़ी ने ओपनिंग में निरंतर रन बनाए हैं, जबकि नंबर 3 पर जोस बटलर ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। हालांकि मिडिल ऑर्डर को अभी तक ज्यादा चुनौती नहीं मिली है, फिर भी शेरफेन रदरफोर्ड, एम शाहरुख खान और राहुल तेवतिया ने मौके मिलने पर प्रभावित किया है।
टीम के सहायक कोच मैथ्यू वेड ने कहा, “मध्य क्रम की सबसे सकारात्मक बात यही रही है कि जब भी उन्हें मौका मिला, उन्होंने अच्छा प्रभाव छोड़ा। उन्हें हाल के मैचों में ज्यादा खेलने का अवसर नहीं मिला, लेकिन उन्होंने दबाव में भरोसेमंद प्रदर्शन किया है।”
इस बीच, जोस बटलर लीग चरण के समाप्त होने के बाद इंग्लैंड के राष्ट्रीय कर्तव्यों के चलते टीम से बाहर हो जाएंगे। वेड ने कहा, “हम जल्द ही जोस को खो देंगे, और ऐसे में नंबर 3 के लिए किसी अन्य खिलाड़ी को मौका मिलेगा। यह हमारे लिए एक और प्रयोग का मौका होगा।”
वहीं, लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए यह सीजन निराशाजनक रहा है। ओपनिंग में एडेन मार्करम और मिशेल मार्श ने कुछ अच्छे प्रदर्शन किए, लेकिन टीम का मध्य क्रम उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। ऋषभ पंत, आयुष बदोनी और डेविड मिलर जैसे नाम बड़े हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन साधारण रहा।
इस लिहाज से गुरुवार का यह मुकाबला केवल अंक तालिका के लिहाज से नहीं, बल्कि टीम संयोजन और आगामी मुकाबलों के लिए तैयारी के नजरिए से भी अहम साबित हो सकता है। गुजरात जहां लय बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं लखनऊ अपनी साख बचाने उतरेगी।