HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के उन निवेशकों को बड़ा झटका लगा है जिन्होंने हाल के महीनों में अनौपचारिक (गैर-सूचीबद्ध) बाजार में कंपनी के शेयर ऊँचे दामों पर खरीदे थे। कंपनी ने अपने आगामी आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) के लिए जो मूल्य बैंड तय किया है, वह इसके नवीनतम अनौपचारिक बाजार मूल्य से करीब 40% कम है।
HDB फाइनेंशियल ने अपने ₹12,500 करोड़ के IPO के लिए ₹700-₹740 प्रति शेयर का मूल्य बैंड निर्धारित किया है। इसकी तुलना में, 18 जून 2025 तक कंपनी के शेयर अनलिस्टेड बाजार में ₹1,225 पर कारोबार कर रहे थे।
UnlistedZone.com के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में एचडीबी फाइनेंशियल के शेयरों ने गैर-सूचीबद्ध बाजार में ₹1,550 का उच्चतम स्तर छुआ था। ऐसे में कई निवेशकों ने यह सोचकर कंपनी के शेयर ऊँचे दामों पर खरीद लिए कि आईपीओ आने पर उन्हें भारी मुनाफा होगा।
हालांकि, अब जब IPO मूल्य इससे काफी कम तय किया गया है, तो ऐसे निवेशकों को नुकसान का जोखिम झेलना पड़ सकता है।
सैमको सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अपूर्व शेठ ने बताया, “गैर-सूचीबद्ध बाजार में एचडीबी फाइनेंशियल के शेयरों को बुक वैल्यू (P/B) के 5 से 6 गुना के हिसाब से खरीदा गया था, जबकि इसकी मूल कंपनी HDFC बैंक का पी/बी अनुपात केवल 2.9 गुना है।”
इससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशकों ने प्रीमियम पर शेयर खरीदे थे, यह सोचकर कि लिस्टिंग पर और ऊँचा रिटर्न मिलेगा। लेकिन अब जब आईपीओ की कीमत अपेक्षा से कम है, तो निवेशकों को तुरंत लाभ मिलना मुश्किल लग रहा है।
यदि लिस्टिंग के समय शेयर मूल्य में बड़ा उछाल नहीं आता, तो इन निवेशकों को भारी घाटा हो सकता है।
निष्कर्षतः, एचडीबी फाइनेंशियल के आईपीओ ने उन निवेशकों की उम्मीदों को तोड़ दिया है, जिन्होंने अनौपचारिक बाजार में शेयर ऊँचे दामों पर खरीदे थे, और अब उनके लिए मुनाफा कमाना एक चुनौतीपूर्ण काम बन सकता है।