Thursday, January 16, 2025

H-1B वीज़ा और कठोर आव्रजन नीतियों पर बहस

संयुक्त राज्य अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रमुख समर्थकों के बीच H-1B वीज़ा और आव्रजन नीतियों पर बहस उनके नए कार्यकाल से पहले पहला बड़ा नीतिगत विवाद बन गया है। यह मुद्दा खास तौर पर उच्च-कुशल कार्य वीज़ा के संबंध में ट्रम्प के “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” (MAGA) आंदोलन और टेक उद्योग के समर्थकों के बीच मतभेद को उजागर करता है।

MAGA आंदोलन बनाम टेक उद्योग

ट्रम्प के समर्थक दो खेमों में बंटे हुए हैं। एक तरफ MAGA आंदोलन के सदस्य हैं, जो उच्च-कुशल H-1B वीज़ा पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान कर रहे हैं। उनका मानना है कि आव्रजन को सख्त करने की ट्रम्प की प्रतिज्ञा में इस वीज़ा पर रोक लगाना भी शामिल होना चाहिए।

दूसरी तरफ, टेक उद्योग से जुड़े प्रमुख समर्थक, जैसे कि एलन मस्क, H-1B वीज़ा को अमेरिकी औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक मानते हैं। उनका तर्क है कि अमेरिका को प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है।

बहस की शुरुआत कैसे हुई?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब दक्षिणपंथी व्यक्तित्व लॉरा लूमर ने सोशल मीडिया पर ट्रम्प की कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता को लेकर आलोचना की। लूमर ने ट्रम्प पर टेक अरबपतियों के प्रभाव में आने का आरोप लगाया और कहा कि “हमें राष्ट्रपति ट्रम्प को टेक्नोक्रेट्स से बचाना होगा।”

एलन मस्क, जो स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ हैं और ट्रम्प द्वारा सरकारी दक्षता सलाहकार बोर्ड के लिए चुने गए हैं, ने लूमर की आलोचना को खारिज कर दिया। मस्क ने कहा कि अमेरिका को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए प्रतिभाशाली विदेशी इंजीनियरों की आवश्यकता है।

H-1B वीज़ा: क्या है यह कार्यक्रम?

H-1B वीज़ा उन विशेष विदेशी श्रमिकों के लिए है, जिनके पास स्नातक या उससे अधिक की डिग्री है और जो अमेरिका में अस्थायी नौकरियों के लिए योग्य हैं।

  • हर साल, अमेरिकी अधिकारी 65,000 नए H-1B वीज़ा जारी करते हैं।
  • इसके अतिरिक्त, मास्टर डिग्री वाले श्रमिकों के लिए 20,000 वीज़ा और जारी किए जा सकते हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2022 में, 309,000 से अधिक वीज़ा निरंतर रोजगार के लिए स्वीकृत किए गए।
    H-1B वीज़ा धारकों में से लगभग 70% भारत से और 10% चीन से आते हैं।

मस्क और अन्य समर्थकों का रुख

एलन मस्क ने H-1B वीज़ा कार्यक्रम को “अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण” बताया है। उन्होंने कहा, “अमेरिका में सुपर प्रतिभाशाली इंजीनियर और प्रेरित लोगों की संख्या कम है।”

वहीं, पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने H-1B को “बुरी तरह से टूटा हुआ” तो बताया, लेकिन इसे खत्म करने का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि वीज़ा योग्यता के आधार पर दिए जाने चाहिए।

रामास्वामी ने अमेरिकी संस्कृति की आलोचना करते हुए कहा, “अमेरिकी संस्कृति ने बहुत लंबे समय तक औसत दर्जे को उत्कृष्टता पर तरजीह दी है।” उन्होंने गणित ओलंपियाड चैंपियनों की तुलना में प्रोम क्वीन्स का अधिक जश्न मनाने की संस्कृति पर सवाल उठाया।

ट्रम्प का रुख

ट्रम्प ने हाल ही में न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया, “मेरी संपत्तियों पर कई H-1B वीज़ा हैं। मैं इस कार्यक्रम में विश्वास करता हूँ।” उन्होंने कहा कि यह एक “बेहतरीन कार्यक्रम” है और वे इसे अपने रियल एस्टेट व्यवसाय में उपयोग करते रहे हैं।

हालाँकि, यह उनके पहले रुख से अलग है। अतीत में, उन्होंने H-1B वीज़ा को “अमेरिकी श्रमिकों के लिए बहुत खराब” बताया था और अपने पहले कार्यकाल में इसके लिए कई बाधाएँ खड़ी की थीं।

इसका महत्व क्या है?

यह बहस ट्रम्प के समर्थकों के बीच दरार को उजागर करती है। मस्क जैसे समर्थक, जो टेक इंडस्ट्री से जुड़े हैं, MAGA आंदोलन के कठोर आव्रजन रुख के खिलाफ हैं।

मस्क ने “MAGA गृहयुद्ध” की चेतावनी देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर अंदरूनी कलह ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के अगले चार वर्षों को प्रभावित कर सकती है।

निष्कर्ष

H-1B वीज़ा पर यह विवाद अमेरिकी आव्रजन नीतियों और आर्थिक प्राथमिकताओं को लेकर गहरी असहमति को दर्शाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रम्प इन विरोधाभासी विचारों के बीच संतुलन कैसे बनाते हैं और यह उनके प्रशासन की नीतियों को कैसे प्रभावित करता है।

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