भारत के स्वर्ण आयात में अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान 81.22 फीसद की गिरावट आई है। देश के चालू खाता घाटे को प्रभावित करने वाला स्वर्ण आयात इस अवधि में सिर्फ 2.47 अरब डॉलर (करीब 18,590 करोड़ रुपये) का रहा है। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते मांग में भारी गिरावट के चलते सोने के आयात में यह गिरावट आई है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि में देश का स्वर्ण आयात 13.16 बिलियन डॉलर ( करीब 91,440 करोड़ रुपये) का रहा था।
इसी तरह, चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले चार महीने में चांदी का आयात 56.5 फीसद गिरा है। इस अवधि के दौरान यह 685.32 मिलियन डॉलर (5,185 करोड़ रुपये) का रहा है। सोने-चांदी के आयात में इस गिरावट से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली है। मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान आयात और निर्यात का अंतर 13.95 अरब डॉलर रहा है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 59.4 अरब डॉलर रहा था।
सोने के आयात में पिछले साल दिसंबर से ही नेगेटिव ग्रोथ देखने को मिल रही है। मार्च, अप्रैल, मई और जून में देश के स्वर्ण आयात में गिरावट क्रमश: 62.6 फीसद, 99.93 फीसद, 98.4 फीसद और 77.5 फीसद रही थी।
हालांकि, आयात जुलाई महीने में 4.17 फीसद की मामूली वृद्धि के साथ 1.78 अरब डॉलर रहा है। यह एक साल पहले की समान अवधि में 1.71 अरब डॉलर रहा था।
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है। यहां मांग मुख्य रूप से जुलरी इंडस्ट्री से आती है। भारत सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात करता है। रत्न और आभूषण निर्यात इस साल अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान 66.36 फीसद गिरकर 4.17 अरब डॉलर का रहा है।