खाद्य तेल उद्योग निकाय की वैश्विक दरों में गिरावट के कारण सदस्यों को खुदरा कीमतों को कम करने की सलाह

खाद्य तेल क्षेत्र के उद्योग निकाय, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ऑफ इंडिया (एसईए) ने 2 मई को अपने सदस्यों को वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों की गिरती कीमतों के अनुरूप खुदरा कीमतों को कम करने की सलाह दी।

यह कार्रवाई खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा निकाय को सदस्यों को खाद्य तेलों पर एमआरपी कम करने और मूंगफली, सोया और सरसों की गिरती कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को देने की सलाह देने के मद्देनजर की गई है।

विभाग नियमित रूप से देश में खाद्य तेल की कीमत की समीक्षा करता है।

पिछले छह महीनों और विशेष रूप से पिछले 60 दिनों में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी कमी देखी गई है। एसईए के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मूंगफली, सोया और सरसों की बंपर फसल के बावजूद स्थानीय कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप गिरावट नहीं आई है।

उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर ब्रांडों ने अतीत में कीमतों में कमी की है, लेकिन बाजार में पैक किए गए खाद्य तेल की मौजूदा एमआरपी अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा कीमतों के अनुरूप नहीं है।’

उद्योग मंडल ने पिछले तीन महीनों में कंपनियों द्वारा एमआरपी में की गई कटौती का ब्योरा भी मांगा है ताकि सरकार को आंकड़े बताए जा सकें।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और नंबर एक वनस्पति तेल आयातक है, और यह आयात के माध्यम से अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत पूरा करता है।

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