अच्छी शुरुआत के बाद सोने-चांदी पर ऊपरी स्तर से दबाव देखने को मिल रहा है। MCX पर सोना 51 हजार के करीब दिख रहा है। चांदी में ऊपरी स्तर से 800 रुपए की कमजोरी देखने को मिल रही है। रिस्क सेंटीमेंट बेहतर होने से दबाव आया है।
कच्चे तेल में छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। ब्रेंट के दाम 45 डॉलर के ऊपर दिख रहे हैं। तूफान के कारण गल्फ ऑफ मेक्सिको में उत्पादन ठप होने से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। बेस मेटल्स की कीमतों में तेजी है। MCX पर जिंक करीब 1 फीसदी मजबूत है। LME में इंवेंट्री घटने से कॉपर में भी खरीदारी दिख रही है। लेकिन निकेल में कमजोरी है।
एग्री की बात करें तो कल की 4 फीसदी की अपर सर्किट के बाद आज भी हल्दी में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में भारी बारिश से फसल खराब होने की आशंका और मंडियों में करीब 25 फीसदी तक आवक घटने से कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है। हल्दी में इस जोरदार तेजी की वजह पर नजर डालें तो त्योहारों और कोरोना की वजह से डिमांड बढ़ी है। हल्दी की आवक कम लेकिन डिमांड ज्यादा है। हल्दी की आवक में 15-25 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। अकेले निजामाबाद मंडी में 15 फीसदी कम आवक आई है। पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी कम बुआई हुई है। उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश से हल्दी की फसल को नुकसान संभव है। तेलंगाना में 50 फीसदी तो रायलसीमा में 85 फीसदी अधिक बारिश हुई है। कोरोना में घरेलू और विदेशों से डिमांड बरकरार है। जनवरी से जुलाई के बीच हल्दी का एक्सपोर्ट 30 फीसदी बढ़ा है। 2020-21 में इसके एक्सपोर्ट में 25-30 फीसदी बढ़त संभव है।
हल्दी का एक्सपोर्ट की बात करें तो 2019-20 में 1.36 लाख टन हल्दी का एक्सपोर्ट हुआ। वहीं, 2018-19 में 1.33 लाख टन हल्दी का एक्सपोर्ट हुआ। जबकि 2017-18 में 1.07 लाख हल्दी का एक्सपोर्ट हुआ था।
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