नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 2025 कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) के परिणामों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने आदेश दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ 3 मार्च को इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने बॉम्बे, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा, मध्य प्रदेश और कलकत्ता सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रारों को निर्देश दिया कि वे सात दिनों के भीतर लंबित मामलों के न्यायिक रिकॉर्ड दिल्ली हाईकोर्ट को स्थानांतरित करें।
इससे पहले, 15 जनवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने संकेत दिया था कि वह इन सभी याचिकाओं को किसी एक उच्च न्यायालय, अधिमानतः पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर सकती है।
गौरतलब है कि 1 दिसंबर, 2024 को CLAT परीक्षा का आयोजन किया गया था, जो स्नातक और स्नातकोत्तर कानून पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनिवार्य है।
देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएँ दायर की गई थीं, जिनमें यह आरोप लगाया गया था कि स्नातक परीक्षा में पूछे गए कई प्रश्न गलत थे। इसके अतिरिक्त, पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश से संबंधित CLAT के परिणामों को भी चुनौती देने के लिए याचिकाएँ दायर की गई थीं।