केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में आत्महत्या की घटनाओं की संख्या पिछले साल घटकर 15 रह गई, जो 2020 के बाद सबसे कम है। बल ने इस गिरावट के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता हेल्पलाइन, शिकायत निवारण पोर्टल और तनाव प्रबंधन जैसे उपायों को प्रमुख कारण बताया है।
CISF ने अक्टूबर 2021 में चौबीसों घंटे काउंसलिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ करार किया था। बल ने एक बयान में कहा कि सितंबर 2024 तक, 2021 में शुरू की गई इस हेल्पलाइन का उपयोग कम से कम 4,200 कर्मियों ने किया था।
आत्महत्या के आंकड़े
CISF के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में आत्महत्या के मामलों में लगातार गिरावट आई है:
- 2023 में: 15 मामले
- 2022 में: 25 मामले
- 2021 में: 26 मामले
- 2020 में: 18 मामले
- 2019 में: 17 मामले
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच कुल 730 कर्मियों ने आत्महत्या की। CAPF द्वारा आत्महत्याओं का अध्ययन करने वाले एक टास्क फोर्स ने तनाव के प्रमुख कारणों में लंबे समय तक ड्यूटी, अपर्याप्त छुट्टियां, और असुविधाजनक रहने की स्थिति को चिन्हित किया।
तनाव प्रबंधन के उपाय
CISF और अन्य अर्धसैनिक बल आत्महत्या के मामलों को कम करने और कर्मियों के तनाव को दूर करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं।
CISF ने चौबीसों घंटे टेली-काउंसलिंग और व्यक्तिगत परामर्श सेवाएं शुरू की हैं। CISF के प्रवक्ता ने कहा, “हमने आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के सहयोग से एक-से-एक परामर्श सुविधा भी लागू की है।”
हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि कर्मियों की 2/3 शिकायतें पोस्टिंग से संबंधित थीं, जो उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती थीं। इसके जवाब में, CISF ने दिसंबर 2024 में एक नई मानव संसाधन नीति अधिसूचित की।
नई मानव संसाधन नीति
यह नीति बेहतर कार्य-जीवन संतुलन सुनिश्चित करने के लिए पसंद-आधारित पोस्टिंग की सुविधा देती है। यह नीति विशेष रूप से गैर-राजपत्रित अधिकारियों (जो कुल जनशक्ति का 98% हैं) पर लागू होगी। इसके अलावा, यह कामकाजी महिलाओं, विवाहित जोड़ों और सेवानिवृत्ति के करीब कर्मियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
CISF की भूमिका
CISF में लगभग 2,00,000 कर्मी हैं, जो संसद, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों, कोयला खदानों, परमाणु और बिजली संयंत्रों जैसे 356 संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करते हैं। यह बल छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी प्रतिष्ठानों की भी सुरक्षा करता है।
CISF के इन प्रयासों ने न केवल आत्महत्या के मामलों में कमी लाई है, बल्कि कर्मियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ किया है।