Friday, October 24, 2025

BSF ने जम्मू-कश्मीर के सांबा में चौकी का नाम ‘सिंदूर’ रखने का प्रस्ताव रखा

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में स्थित अपनी एक चौकी का नाम ‘सिंदूर’ रखने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, दो अन्य चौकियों के नाम उन वीर जवानों के नाम पर रखने की योजना है, जो 10 मई को पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से की गई गोलाबारी के दौरान शहीद हो गए थे।

बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक (IG) शशांक आनंद ने जानकारी दी कि उस दिन हुई गोलाबारी का सामना करते हुए BSF के दो जवान और सेना का एक जवान शहीद हो गए।

उन्होंने बताया, “10 मई की सुबह पाकिस्तान ने हमारी अग्रिम चौकियों को निशाना बनाने के लिए कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन भेजे। BSF की टीमें इन ड्रोन गतिविधियों से निपटने में जुटी थीं। इसी दौरान एक दुखद घटना हुई, जब सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कांस्टेबल दीपक कुमार और सेना के जवान सुनील कुमार एक ड्रोन को निष्क्रिय करने का प्रयास कर रहे थे। उसी समय ड्रोन ने पेलोड गिराया, जिससे तीनों जवान शहीद हो गए।”

IG आनंद ने बताया, “हम अपनी दो चौकियों का नाम इन शहीद जवानों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखते हैं और एक अन्य चौकी का नाम ‘सिंदूर’ रखा जाएगा।” उन्होंने BSF की महिला कर्मियों की भी सराहना की, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अग्रिम मोर्चों पर अदम्य साहस दिखाया।

उन्होंने कहा, “हमारी महिला जवानों ने अग्रिम चौकियों पर मोर्चा संभाला। सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने एक अग्रिम चौकी की कमान संभाली, जबकि कांस्टेबल मंजीत कौर, मलकीत कौर, ज्योति, संपा, स्वप्ना और अन्य महिला कर्मियों ने अग्रिम मोर्चे पर डटकर मुकाबला किया।”

IG आनंद ने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ को लेकर इनपुट मिले हैं। उन्होंने कहा, “हमें जानकारी मिल रही है कि आतंकी फिर से अपने लॉन्च पैड और प्रशिक्षण शिविरों में सक्रिय हो रहे हैं और LoC तथा IB के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में सभी सुरक्षा बलों को पूरी तरह सतर्क रहना होगा।”

BSF के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी, DIG चितर पाल (RS पुरा सेक्टर) ने भी 9 मई को हुई गोलीबारी को याद किया। उन्होंने बताया, “पाकिस्तान ने हमारी कई चौकियों को निशाना बनाकर गोलाबारी शुरू की। उन्होंने फ्लैट ट्रैजेक्टरी हथियारों और मोर्टार से हमारी पोस्टों पर हमला किया। साथ ही, उन्होंने अब्दुलियान गांव को भी निशाना बनाया। हमारे जवानों ने इस हमले का कड़ा और मुंहतोड़ जवाब दिया। जब पाकिस्तानी रेंजर्स ने गोलीबारी धीमी की, तब उन्होंने ड्रोन गतिविधियां तेज कर दीं। इसके जवाब में BSF ने पाकिस्तानी आतंकवादी लॉन्चपैड ‘मस्तपुर’ को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया।”

यह घटनाएं दर्शाती हैं कि सीमा पर तनाव अभी भी बरकरार है और सुरक्षा बल पूरी सतर्कता से स्थिति का सामना कर रहे हैं। BSF की यह पहल, जिसमें शहीदों की स्मृति में चौकियों के नामकरण और महिला जवानों के योगदान को मान्यता दी गई है, देश के प्रति उनके बलिदान और समर्पण को सम्मानित करती है।

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