बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने अपने सह-अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता वाईआर सदाशिव रेड्डी पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक सार्वजनिक बयान जारी किया है। रेड्डी पर यह हमला इस सप्ताह की शुरुआत में बेंगलुरु स्थित उनके चैंबर में अज्ञात हमलावरों द्वारा किया गया था।
BCI ने दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा है कि उनकी हिरासत में गहन पूछताछ होनी चाहिए ताकि इस कायराना हमले के पीछे की मंशा का खुलासा हो सके।
BCI के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा और उपाध्यक्ष एस प्रभाकरन ने इस घटना को “चौंकाने वाला” बताते हुए इसे कानूनी पेशे की स्वतंत्रता और गरिमा पर एक गंभीर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे हमलों से अधिवक्ताओं को डराने-धमकाने की कोशिश की जा रही है, जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
17 अप्रैल को जारी अपने आधिकारिक बयान में बीसीआई ने कहा कि अधिवक्ताओं को, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों, यदि उन्हें किसी भी प्रकार का विश्वसनीय खतरा महसूस हो, तो राज्य सरकारों को उनके घरों और कार्यालयों में तुरंत पुलिस सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए।
बयान में आगे कहा गया है, “वकीलों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा या धमकी के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए। प्रत्येक राज्य सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसी को वकीलों पर हमले को कानून और न्याय व्यवस्था पर हमला मानना चाहिए। वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को एक मजबूत और प्रभावशाली संस्थागत तंत्र विकसित करना चाहिए।”
गौरतलब है कि रेड्डी कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के सदस्य भी हैं। उन पर यह हमला 16 अप्रैल को उनके कार्यालय में उस वक्त हुआ, जब वे अपने जूनियर अधिवक्ता के साथ मौजूद थे। दो अज्ञात हमलावरों ने उन पर लोहे की छड़ों से क्रूर हमला किया।
BCI ने कहा, “यह कोई सामान्य चोट नहीं थी, बल्कि यह एक सुनियोजित हमला था, जिसका उद्देश्य एक वरिष्ठ अधिवक्ता और कानूनी समुदाय के निर्वाचित प्रतिनिधि को डराना, अपंग करना और चुप कराना था।”
इस घटना ने पूरे देश में अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। BCI ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि वे तत्काल प्रभाव से अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।
