अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर सैन्य हमला करने की योजना को मंजूरी दे दी थी, लेकिन आखिरी फैसला रोक दिया। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प अब यह देखना चाहते हैं कि क्या ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ता है या नहीं।
इस समय इज़राइल और ईरान के बीच जंग अपने सातवें दिन में पहुँच चुकी है। दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इजरायली हमलों से डरे हुए तेहरान के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।
ट्रम्प का ब्यान
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा,
“मैं हमला कर सकता हूँ या नहीं भी कर सकता। किसी को नहीं पता कि मैं क्या करने वाला हूँ।”
उन्होंने यह भी कहा कि ईरानी अधिकारी अमेरिका से बात करना चाहते थे, लेकिन अब वह समय “थोड़ा देर से” आ चुका है।
यूरोप की कोशिशें
इस बीच, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री जिनेवा में ईरान के विदेश मंत्री से मिलने वाले हैं। उनका मकसद ईरान को समझाना है कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण कामों के लिए इस्तेमाल करे।
तेहरान में डर का माहौल
ईरान की राजधानी तेहरान में लोग डर के कारण शहर छोड़कर सुरक्षित जगहों की ओर भाग रहे हैं। 31 वर्षीय महिला अरेज़ू ने कहा कि उनका दोस्त घायल हो गया है और वह खुद अपने परिवार के साथ पास के रिसॉर्ट लावासन चली गई हैं।
इज़राइल के हमले और ईरान की जवाबी कार्रवाई
इज़राइल ने दावा किया कि उसने ईरान के पुलिस मुख्यालय और मिसाइल बनाने वाली फैक्ट्रियों पर बमबारी की है। वहीं ईरान ने भी जवाबी हमला किया है और अब तक 400 से ज्यादा मिसाइलें इज़राइल पर दाग चुका है। इसमें से करीब 40 मिसाइलें इज़राइल की सुरक्षा प्रणाली को पार कर गईं और 24 लोगों की जान ले ली।
नेतन्याहू का बयान
इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उनका देश ईरान के परमाणु ठिकानों, मिसाइल ठिकानों और सरकार के प्रतीकों को निशाना बना रहा है। उन्होंने ट्रम्प को “इज़राइल का महान मित्र” बताते हुए धन्यवाद भी दिया।
अमेरिका की स्थिति
ट्रम्प और उनकी टीम अब इस बात पर विचार कर रही है कि क्या अमेरिका को ईरान के खिलाफ इज़राइल का साथ देना चाहिए। हालांकि ट्रम्प ने अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।
ईरान की चेतावनी
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने ट्रम्प को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने हमला किया तो उसे “अपूरणीय नुकसान” होगा। उन्होंने कहा कि ईरानी जनता कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगी।
लोगों की हालत
तेल अवीव और अन्य इजरायली शहरों में लोग बंकरों में या अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। वे डरे हुए हैं, क्योंकि ईरान की मिसाइलें आबादी वाले इलाकों को निशाना बना रही हैं।
वैश्विक असर
ईरान ने संकेत दिए हैं कि अगर युद्ध बढ़ा, तो वह होर्मुज जलडमरूमध्य (जहाँ से दुनिया का एक तिहाई तेल गुजरता है) को बंद कर सकता है, जिससे पूरी दुनिया में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
मीडिया और इंटरनेट पर रोक
ईरान सरकार ने इंटरनेट पर अस्थायी रोक लगाई है ताकि “दुश्मन को लोगों को डराने का मौका न मिले”। साथ ही, आम जनता को बमबारी की तस्वीरें और वीडियो साझा करने से भी रोका जा रहा है।
ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे इस टकराव से मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। डोनाल्ड ट्रम्प का रुख अभी साफ नहीं है, लेकिन उन्होंने यह दिखा दिया है कि अमेरिका कुछ बड़ा कदम उठा सकता है — अगर ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता नहीं किया।