Tuesday, June 17, 2025

आमिर खान की ‘सितारे ज़मीन पर’ को सीबीएफसी ने बिना किसी कट के दी मंजूरी

आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने बिना किसी कट के मंजूरी दे दी है। यह फिल्म 2007 की समीक्षकों द्वारा सराही गई फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की आध्यात्मिक सीक्वल मानी जा रही है।

‘सितारे ज़मीन पर’ विशेष रूप से सक्षम बच्चों की कहानी के माध्यम से समावेश, सहानुभूति और दृढ़ता जैसे विषयों की गहराई से पड़ताल करती है। यह फिल्म 20 जून, शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है।

फिल्म में नौ न्यूरोडाइवर्जेंट बच्चे मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे, और इसे आमिर खान प्रोडक्शंस ने प्रायोजित किया है। साथ ही इसमें जेनेलिया देशमुख भी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।

हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म में दो कट सुझाए थे, जो आमिर खान को स्वीकार्य नहीं थे। खबरों के अनुसार, अभिनेता-निर्माता आमिर खान ने सोमवार को CBFC अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें इस मुद्दे को सुलझा लिया गया। बैठक के बाद फिल्म को अंतिम मंजूरी दे दी गई।

फिल्म की कहानी एक निराश बास्केटबॉल कोच (आमिर खान द्वारा निभाया गया) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे शराब के नशे में पकड़े जाने के बाद सामुदायिक सेवा की सज़ा मिलती है। इसके तहत वह न्यूरोडाइवर्जेंट वयस्कों को प्रशिक्षित करता है। इसी सफर में वह जीवन की नई समझ पाता है और उसका नज़रिया बदल जाता है।

इस फिल्म में 10 उभरते हुए कलाकार भी दिखाई देंगे — अरूश दत्ता, गोपी कृष्ण वर्मा, संवित देसाई, वेदांत शर्मा, आयुष भंसाली, आशीष पेंडसे, ऋषि शाहनी, ऋषभ जैन, नमन मिश्रा और सिमरन मंगेशकर

फिल्म का निर्देशन आरएस प्रसन्ना ने किया है, जिन्हें इससे पहले ‘शुभ मंगल सावधान’ जैसी फिल्मों के लिए सराहा गया है। इसके गीत लिखे हैं अमिताभ भट्टाचार्य ने, और संगीत दिया है प्रसिद्ध तिकड़ी शंकर-एहसान-लॉय ने। पटकथा लेखन का कार्य किया है दिव्य निधि शर्मा ने।

फिल्म का निर्माण आमिर खान और अपर्णा पुरोहित ने किया है, जबकि बी श्रीनिवास राव और रवि भागचंदका इसके निर्माता हैं।

खास बात यह है कि इस फिल्म के साथ आमिर खान की 90 वर्षीय मां ज़ीनत हुसैन भी अभिनय की दुनिया में कदम रख रही हैं। उनकी बड़ी बहन और अभिनेत्री निखत हेगड़े भी इस फिल्म में नजर आएंगी।

‘सितारे ज़मीन पर’ न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह समाज को एक नई सोच देने की कोशिश भी करती है — कि असाधारण क्षमताएं किसी भी रूप में सामने आ सकती हैं, जरूरत है बस उन्हें समझने और स्वीकारने की।

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