भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के फिर से सक्रिय होने के बाद रविवार को पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। दो सप्ताह की निष्क्रियता के बाद मानसून फिर से जोर पकड़ रहा है, जिससे कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
IMD ने कहा, “दक्षिण-पश्चिम मानसून के दोबारा सक्रिय होने से तटीय कर्नाटक, केरल और माहे में भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी अत्यधिक वर्षा के कारण मध्यम से लेकर गंभीर स्तर की अचानक बाढ़ की आशंका है। इन क्षेत्रों में 200 मिमी से अधिक वर्षा हो सकती है।”
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक बारिश के चलते सतही जल प्रवाह बढ़ सकता है, जिससे मिट्टी की संतृप्ति हो सकती है और निचले क्षेत्रों में जलजमाव तथा बाढ़ की स्थिति बन सकती है। साथ ही, इन हालातों से भूस्खलन की संभावना भी बढ़ जाती है।
IMD ने तटीय कर्नाटक, केरल, माहे और कोंकण-गोवा क्षेत्र के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। रेड अलर्ट का मतलब है कि संबंधित क्षेत्रों में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, वहीं ऑरेंज अलर्ट संभावित खतरों के लिए सतर्क रहने की चेतावनी देता है।
पूर्वोत्तर राज्यों—नागालैंड, मिजोरम, मेघालय और असम—में अगले दो दिनों में मध्यम से उच्च स्तर की अचानक बाढ़ की आशंका जताई गई है।
इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून ने सामान्य तिथि 1 जून से आठ दिन पहले ही केरल तट पर दस्तक दी थी। 2 जून तक यह दक्षिणी प्रायद्वीप, मध्य भारत के हिस्सों और पूर्वोत्तर तक फैल चुका था। हालांकि, पश्चिमी दिशा से गर्म और शुष्क हवाओं के प्रवेश के कारण नमी युक्त पूर्वी हवाओं की प्रगति रुक गई, जिससे उत्तर भारत में गर्मी और लू का प्रकोप जारी है।
देशभर में मौसम से जुड़ी कई प्रणालियाँ सक्रिय हैं। एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी राजस्थान, दक्षिण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपर बना हुआ है। इसके अलावा, एक ट्रफ रेखा पूर्वी मध्य प्रदेश से बांग्लादेश तक और दूसरी उत्तरी राजस्थान से पश्चिमी मध्य प्रदेश तक फैली हुई है।
इन सभी मौसमी प्रणालियों के चलते दक्षिण, पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर भारत में भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं उत्तर-पश्चिम भारत में छिटपुट वर्षा, गरज-चमक और हरियाणा के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। यह बारिश क्षेत्र में तापमान और आर्द्रता में कमी ला सकती है।
IMD ने पश्चिमी राजस्थान में धूल भरी आंधी की संभावना भी व्यक्त की है, जिसमें हवा की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है, और कुछ मौकों पर यह 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
IMD के बुलेटिन के अनुसार, अगले 24 घंटों में गुजरात, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होंगी। आने वाले तीन दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी मानसून के विस्तार की संभावना है।
संक्षेप में, मानसून की सक्रियता ने देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम को प्रभावित किया है, जिससे कई इलाकों में भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और तेज हवाओं की आशंका बनी हुई है। लोगों से सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।