Tuesday, June 17, 2025

वित्त मंत्रालय ने कहा कि UPI भुगतान पर MDR लगाने की कोई योजना नहीं

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लगाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। मंत्रालय ने इस संबंध में मीडिया में चल रही खबरों को “पूरी तरह से झूठी, निराधार और भ्रामक” बताया है।

वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “UPI लेनदेन पर MDR लागू किए जाने से संबंधित अटकलें और दावे पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। ऐसी झूठी और सनसनीखेज खबरें देश के नागरिकों के बीच अनावश्यक भ्रम, भय और संदेह पैदा करती हैं।”

मंत्रालय ने आगे कहा कि सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए UPI के माध्यम से लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

यह स्पष्टीकरण उस समय आया जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि सरकार बड़ी राशि के UPI लेनदेन (3,000 रुपये और उससे अधिक) पर MDR लागू करने पर विचार कर रही है, ताकि बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को सहायता दी जा सके।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि सरकार लेनदेन की राशि के आधार पर MDR लगाने की अनुमति देने पर विचार कर सकती है, न कि व्यापारियों के वार्षिक टर्नओवर के आधार पर।

गौरतलब है कि इस वर्ष की शुरुआत में पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने सरकार से UPI पर लागू शून्य MDR नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की थी।

जनवरी 2020 से लागू इस नीति के कारण भुगतान सेवा प्रदाताओं को आर्थिक नुकसान हो रहा है। परिषद ने पत्र में बताया कि वर्तमान में सरकार द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता — 1,500 करोड़ रुपये — UPI सेवाओं को सुचारु रूप से चलाने और आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक लगभग 10,000 करोड़ रुपये की वार्षिक लागत की तुलना में बहुत कम है।

इस चुनौती से निपटने के लिए परिषद ने सुझाव दिया कि सभी व्यापारियों के लिए RuPay डेबिट कार्ड पर MDR लागू किया जाए और केवल बड़े व्यापारियों के लिए UPI लेनदेन पर 0.3 प्रतिशत का उचित MDR निर्धारित किया जाए।

UPI के लोकप्रियता और उपयोग की बात करें तो, 1 जून को इस प्लेटफॉर्म पर 644 मिलियन लेनदेन दर्ज किए गए और अगले ही दिन यह आंकड़ा 650 मिलियन तक पहुंच गया। यह संख्या वैश्विक भुगतान कंपनी वीज़ा द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान औसतन संसाधित किए गए 639 मिलियन दैनिक लेनदेन से अधिक है। हालांकि, वीज़ा प्रतिदिन के लेनदेन से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक रूप से साझा नहीं करता है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में UPI भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र की रीढ़ बना रहा। पूरे देश में खुदरा भुगतानों में इसका योगदान 80 प्रतिशत से अधिक रहा। इस वित्तीय वर्ष में UPI के माध्यम से कुल लेनदेन की संख्या 131 अरब को पार कर गई, जबकि लेनदेन का कुल मूल्य 200 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।

सरकार के इस स्पष्ट बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि फिलहाल UPI पर MDR लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार की नीति यथावत है।

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