Saturday, June 7, 2025

दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति के लिए जीत केवल पहली बाधा थी

दक्षिण कोरिया के 21वें राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार Lee Jae-myung ने 49.42% मत प्राप्त कर निर्णायक जीत दर्ज की है। यह परिणाम भले ही पहले से अनुमानित रहा हो, लेकिन यह केवल एक लंबी और कठिन यात्रा की शुरुआत है।

देश में राष्ट्रपति Yoon Suk Yeol के कार्यकाल के अंतिम दिनों में दिसंबर 2024 में मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास ने व्यापक आक्रोश और विरोध को जन्म दिया। इस घटनाक्रम ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी थीं। जनता में नाराजगी की इस लहर ने Lee Jae-myung को समर्थन तो दिलाया, लेकिन साथ ही उन्हें एक गहरे संकट में फंसे राष्ट्र की कमान भी सौंपी है।

नए राष्ट्रपति को ऐसे समय में सत्ता मिली है जब देश आर्थिक मंदी, व्यापार युद्ध, और दीर्घकालिक संरचनात्मक चुनौतियों से जूझ रहा है। वैश्विक स्तर पर चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और उससे उपजे व्यापारिक टकरावों ने दक्षिण कोरिया की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है।

इसके अतिरिक्त, आंतरिक सामाजिक और आर्थिक असमानताएं, युवाओं में बेरोजगारी की बढ़ती दर, और आवास की बढ़ती कीमतें जैसे मुद्दे Lee की सरकार के सामने बड़ी चुनौतियों के रूप में खड़े हैं।

राजनीतिक रूप से भी, उनकी पार्टी को संसद में मजबूत बहुमत नहीं मिला है, जिससे जरूरी सुधारों और नीतिगत फैसलों को लागू करना और भी कठिन हो सकता है।

इस प्रकार, चुनाव में जीत Lee Jae-myung के लिए केवल पहला कदम थी। अब असली परीक्षा उनकी नेतृत्व क्षमता, राजनीतिक समझदारी, और राष्ट्र को संकट से उबारने की इच्छाशक्ति की है। आने वाले महीनों में यह स्पष्ट होगा कि वे इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और क्या वे देश में स्थिरता और विश्वास बहाल कर पाते हैं या नहीं।

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