सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है जिसमें अभिनेता कमल हासन की आगामी तमिल फिल्म ‘ठग लाइफ’ की कर्नाटक में सुरक्षित और निर्बाध रिलीज सुनिश्चित करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में विफल रही है और fringe (हाशिये पर स्थित) समूहों को खुलेआम धमकी देने से नहीं रोक सकी, जिससे नागरिकों और सिनेमा मालिकों के बीच भय का माहौल बन गया है।
यह याचिका अधिवक्ता एथेनम वेलन ने दायर की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “मैंने अपने साथियों नवप्रीत कौर, निलय राय और प्रिंस सिंह के साथ मिलकर यह याचिका दायर की है, ताकि यह उजागर किया जा सके कि कर्नाटक सरकार ‘ठग लाइफ’ की शांतिपूर्ण रिलीज सुनिश्चित करने में असफल रही है। fringe समूह खुलेआम धमकियाँ दे रहे हैं, जिससे कानून का शासन कमजोर पड़ रहा है।”
फिल्म को मूल रूप से 5 जून 2025 को पूरे भारत में रिलीज़ किया जाना था, लेकिन कर्नाटक में कुछ कन्नड़ समर्थक संगठनों की धमकियों के कारण इसकी रिलीज को फिलहाल उस राज्य में रोक दिया गया है। हालांकि, अब तक किसी भी प्रमुख कन्नड़ अभिनेता या सार्वजनिक व्यक्ति ने इस बहिष्कार का समर्थन नहीं किया है और राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिबंध भी नहीं लगाया गया है।
याचिका में यह तर्क दिया गया है कि इस तरह की धमकियाँ और दबाव अप्रत्यक्ष सेंसरशिप के बराबर हैं और यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) – जो कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है – का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह कर्नाटक सरकार को आदेश दे:
- धमकी देने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
- सभी सिनेमा हॉलों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
- राज्य में भयमुक्त वातावरण सुनिश्चित करते हुए फिल्म की रिलीज और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की जाए।
याचिका में कहा गया है कि “कानून के दायरे से बाहर दी गई धमकियाँ नागरिकों के मौलिक अधिकारों को समाप्त नहीं कर सकतीं। सरकार की निष्क्रियता खुद संविधान के उल्लंघन के बराबर है।”
अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मुद्दे पर त्वरित और निर्णायक हस्तक्षेप करेगा ताकि कला, संस्कृति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संरक्षित रखा जा सके।