Saturday, June 7, 2025

ट्रंप ने बाइडेन की ‘मानसिक स्थिति’ छिपाने की ‘साजिश’ की जांच के दिए आदेश

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक आधिकारिक जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि व्हाइट हाउस में रहते हुए जो बाइडेन की गिरती मानसिक स्थिति को छिपाने की एक साजिश रची गई थी। रिपब्लिकन पार्टी का दावा है कि बाइडेन के सहयोगियों ने अमेरिकी जनता से यह तथ्य छुपाया कि वह राष्ट्रपति पद की मांगों को निभाने में सक्षम नहीं थे।

यह आदेश ट्रंप द्वारा अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए लंबे समय से चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। इस अभियान को रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं और रूढ़िवादी मीडिया का भी समर्थन मिल रहा है। हालांकि, अब डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर भी कुछ नेता यह स्वीकार करने लगे हैं कि हाल के वर्षों में बाइडेन का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य चिंता का विषय रहा है।

पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, एक बहस में बाइडेन के कमजोर प्रदर्शन के बाद उनकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठने लगे थे। उस समय 81 वर्षीय बाइडेन अक्सर लड़खड़ाते नजर आए थे और कई बार अपनी बातों की तारतम्यता खो बैठते थे, जिससे उनकी क्षमताओं पर संदेह गहराया।

बुधवार को जारी किए गए एक आधिकारिक राष्ट्रपति ज्ञापन में कहा गया, “हाल के महीनों में यह स्पष्ट होता गया है कि पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन के सहयोगियों ने उनकी संज्ञानात्मक गिरावट को छुपाने के लिए ऑटोपेन (एक इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर उपकरण) का दुरुपयोग किया। यह एक खतरनाक साजिश थी, जो अमेरिकी इतिहास के सबसे गंभीर घोटालों में से एक मानी जा सकती है।”

ज्ञापन में आगे कहा गया है कि, “अमेरिकी जनता को यह जानबूझकर नहीं बताया गया कि राष्ट्रपति के अधिकारों का असली उपयोग कौन कर रहा है। बाइडेन के हस्ताक्षर का उपयोग करते हुए उनके नाम पर कट्टरपंथी नीतियों को लागू किया गया।”

रिपब्लिकन नेताओं का आरोप है कि बाइडेन के सहयोगियों ने उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति छुपाई, फैसले उनके बजाय खुद लिए और ऑटोपेन का इस्तेमाल करके उनकी जगह दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कराए, जिससे राष्ट्रपति के नाम पर सरकार चलाई जा सके।

ट्रंप के आदेश में कहा गया है, “राष्ट्रपति के वकील, अटॉर्नी जनरल और अन्य संबंधित विभागों के प्रमुखों के परामर्श से जांच की जाएगी कि क्या कुछ व्यक्तियों ने बाइडेन की मानसिक स्थिति के बारे में जनता को गुमराह किया और उनके अधिकारों व जिम्मेदारियों का असंवैधानिक रूप से प्रयोग किया।”

इस जांच के अंतर्गत यह भी देखा जाएगा कि बाइडेन के कार्यकाल के अंतिम वर्षों में किन परिस्थितियों में ऑटोपेन का उपयोग किया गया, किन नीति दस्तावेज़ों पर उनके हस्ताक्षर कराए गए, और किसके निर्देश पर यह प्रक्रिया अपनाई गई।

बाइडेन के बहस में खराब प्रदर्शन ने उनकी दोबारा चुनाव लड़ने की उम्मीदों को लगभग खत्म कर दिया था। इसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें चुनावी दौड़ से हटने की सलाह दी। आलोचनाओं के सामने टिकने में असफल रहने के बाद, कुछ ही हफ्तों में बाइडेन ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को आगे बढ़ाया। हालांकि, अंततः वह भी ट्रंप से चुनाव हार गईं।

यह पूरा घटनाक्रम अब अमेरिका की राजनीति में एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है, जिसमें सत्ता, स्वास्थ्य और पारदर्शिता से जुड़ी संवेदनशील बहस छिड़ गई है।

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