मेघालय में हनीमून पर गए इंदौर निवासी एक दंपत्ति के लापता होने के 11 दिन बाद मामले ने क्रूर मोड़ ले लिया है। पति राजा रघुवंशी का शव एक गहरी खाई से बरामद किया गया है। पुलिस ने अब पुष्टि की है कि राजा की निर्मम हत्या कुल्हाड़ी जैसी धारदार हथियार ‘दाओ’ से की गई थी। इस जघन्य अपराध ने पूरे पूर्वोत्तर को झकझोर कर रख दिया है।
पूर्वी खासी हिल्स जिले की पुलिस ने बताया कि शव मिलने वाली जगह के पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार ‘दाओ’ और राजा का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक विवेक सिम ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमने पीड़ित का मोबाइल फोन और हत्या में प्रयुक्त हथियार — एक दाओ — घटनास्थल के पास से बरामद कर लिया है। यह पूरी तरह से हत्या का मामला है, इसमें अब कोई संदेह नहीं है।”
राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम, जो इंदौर निवासी हैं, 23 मई को मेघालय के नोंग्रियाट में अपने हनीमून पर पहुंचे थे। दंपत्ति को आखिरी बार 22 मई को शिपारा होमस्टे से चेक आउट करते हुए देखा गया था। 23 मई को उनकी किराए पर ली गई स्कूटी सोहरारिम इलाके में लावारिस हालत में मिली थी।
11 दिन तक कोई सुराग नहीं मिलने के बाद, सोमवार को ड्रोन की मदद से राजा का शव रियात अरलियांग में वेइसाडोंग पार्किंग लॉट के नीचे एक गहरी खाई में पाया गया। यह जगह उस इलाके से लगभग 25 किलोमीटर दूर है, जहां से उनकी स्कूटी मिली थी।
हालांकि राजा का शव मिल गया है, लेकिन सोनम का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने बताया कि खोज अभियान जारी है।
एसपी विवेक सिम ने कहा, “सोनम रघुवंशी अब तक लापता हैं। हम कल से उसी इलाके और आस-पास के क्षेत्रों में एक बार फिर से खोज शुरू करेंगे। वह खाई काफी बड़ी है — करीब 1 से 2 किलोमीटर तक फैली हुई — और शव मिलने वाली जगह से सटी हुई है। हमारी प्राथमिकता सोनम को सुरक्षित ढूंढना है।”
पीड़ित परिवार ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने कहा, “शव उस जगह से 25 किलोमीटर दूर मिला, जहां उनकी स्कूटी मिली थी। हम शुरू से ही कह रहे थे कि यह अपहरण, लूट और हत्या का मामला है, लेकिन स्थानीय पुलिस हमें गंभीरता से नहीं ले रही थी। मेरे भाई और उसकी पत्नी के लिए आत्महत्या करना संभव नहीं है।”
परिवार ने पहले दंपत्ति की जानकारी देने वाले को 5 लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी।
घटना ने राज्य प्रशासन और पर्यटन विभाग को भी चिंतित कर दिया है। मेघालय के पर्यटन मंत्री पॉल लिंगदोह ने इस घटना को “अभूतपूर्व” बताते हुए कहा, “यह हमारे लिए स्तब्ध करने वाला है। ऐसा अपराध हमारे राज्य में पहले कभी नहीं हुआ। अभी पूरी सच्चाई सामने नहीं आई है। हमें जांच पूरी होने तक इंतजार करना होगा। कानून अपना काम करेगा। किसी एक घटना से पूरे पर्यटन क्षेत्र की छवि को नहीं आंक सकते।”
इस बीच, मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने स्वयं मामले की निगरानी का भरोसा दिया है। उन्होंने प्रशासन और पुलिस से लगातार संपर्क में रहकर सघन जांच के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार ने खोज अभियान के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और एक विशेष अभियान दल को भी तैनात किया है।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सोनम कहां हैं और इस जघन्य अपराध के पीछे असली साजिशकर्ता कौन है।