तमिल फिल्म इंडस्ट्री को गहरा झटका देते हुए प्रसिद्ध फिल्म निर्माता विक्रम सुगुमारन का सोमवार, 2 जून को चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 47 वर्ष के थे। विक्रम सुगुमारन को उनकी पहली निर्देशन फिल्म माधा यानाई कूटम के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, जिसे आलोचकों से खूब सराहना मिली थी।
विक्रम अपने पीछे पत्नी और बच्चों को छोड़ गए हैं, जो चेन्नई में ही रहते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, विक्रम सुगुमारन हाल ही में मदुरै गए थे, जहाँ उन्होंने एक निर्माता को अपनी नई स्क्रिप्ट सुनाई। चेन्नई लौटते समय उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। तुरंत उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
विक्रम ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1999 और 2000 के बीच प्रसिद्ध निर्देशक बालू महेंद्र के सहायक के रूप में की थी। बाद में उन्होंने माधा यानाई कूटम नामक ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म से निर्देशन में कदम रखा। यह फिल्म अपनी कच्ची, यथार्थवादी कहानी और सामाजिक टिप्पणी के लिए विशेष रूप से सराही गई।
उनकी हालिया फिल्म रावण कोट्टम थी, जिसमें शांतनु भाग्यराज ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
विक्रम के निधन पर अभिनेता शांतनु ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “प्रिय भाई की आत्मा को शांति मिले। मैंने आपसे बहुत कुछ सीखा है और हर एक पल को हमेशा अपने दिल में संजोकर रखूंगा। आप बहुत जल्दी चले गए। आपकी बहुत याद आएगी। #RIPVikramSugumaran”
बताया जा रहा है कि विक्रम थेरम पोरम नामक एक नए प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे थे। हाल ही में एक मीडिया बातचीत में उन्होंने यह भी साझा किया था कि उन्हें फिल्म उद्योग में कुछ लोगों से विश्वासघात का सामना करना पड़ा। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि उनके पास इस बारे में पुख्ता सबूत नहीं हैं।
उनके अचानक निधन की खबर से तमिल फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें एक ऐसे फिल्म निर्माता के रूप में याद कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी कहानियों में ग्रामीण भारत की असलियत और सामाजिक सच्चाई को प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत किया।
उनका जाना तमिल सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।