पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने दक्षिण कन्नड़ जिले में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव, नफरत और नफरत भरे भाषणों के मामलों पर गहरी चिंता जताते हुए पुलिस और जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। संगठन का कहना है कि प्रशासन की इस लापरवाही और चुप्पी ने जिले में सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा दिया है।
PUCL ने हाल ही में मंगलवार को हुई अब्दुल रहमान की हत्या को इस बिगड़ते माहौल का ताज़ा उदाहरण बताया है।
संगठन ने 12 मई, 2025 को DCP (कानून और व्यवस्था), मंगलुरु को सौंपे गए एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि “हमने पुलिस को कई बार नफरत फैलाने वाले भाषणों और उनकी सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के बारे में जानकारी दी, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वे दावा करते हैं कि FIR दर्ज की गई है और कार्रवाई की गई है, लेकिन सच क्या है? कितनी FIR? किसके खिलाफ? क्या उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई जिन्होंने इस नफरत और अराजकता के माहौल को पैदा किया है?”
PUCL के बयान में यह भी कहा गया कि “पुलिस की यह चुप्पी और निष्क्रियता लोगों को हिंसा के लिए उकसा रही है, जो कि अब एक जानलेवा रूप ले चुकी है।” संगठन ने मंगलुरु के पुलिस आयुक्त और प्रभारी मंत्री श्री राव से तत्काल स्थिति स्पष्ट करने और जवाब देने की मांग की है।
बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन को पहुंचे
उधर, अब्दुल रहमान का शव डेरालाकाटे स्थित एक निजी अस्पताल के शवगृह में रखा गया, जहां बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए जमा हुए।
पोस्टमॉर्टम और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के बाद रहमान का शव उनके परिजनों को सौंपा गया। परिजन शव को एंबुलेंस में लेकर कुत्थर स्थित मदनी नगर की मस्जिद में पवित्र स्नान के लिए ले गए और फिर दोपहर के समय कोल्तामाजालु के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
दुकानें रहीं बंद, लोगों की भारी भीड़
सोशल मीडिया पर व्यापारियों से बुधवार को स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखने की अपील की गई थी, जिसके चलते उल्लाल, सुरथकल और अन्य कई इलाकों में अधिकांश दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। जब शव को कोल्तामाजालु ले जाया जा रहा था, उस दौरान बी.सी. रोड पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
पत्थरबाज़ी और परिवहन पर असर
सुरथकल में दोपहर करीब 2 बजे सूरज इंटरनेशनल होटल के पास पक्षीगेरे जा रही एक निजी बस पर पत्थर फेंके गए। इसी प्रकार बी.सी. रोड की एक व्यावसायिक इमारत पर भी पत्थरबाज़ी की घटना हुई।
दक्षिण कन्नड़ बस मालिक संघ के अज़ीज़ पार्थिपडी ने बताया कि शहर में बस सेवाएं चालू थीं, लेकिन यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम थी।
पीयूसीएल का मानना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते नफरत भरे भाषणों और सांप्रदायिक ताकतों पर सख्त कार्रवाई की होती, तो आज इस स्थिति से बचा जा सकता था। संगठन ने प्रशासन से तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की है ताकि आगे किसी और की जान न जाए।

