गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों ने सकारात्मक रुख के साथ कारोबार की शुरुआत की। वैश्विक बाजारों से मिले अच्छे संकेतों और निवेशकों की धारणा में सुधार के चलते घरेलू बाजारों में खरीदारी का माहौल देखने को मिला।
बाजार की स्थिति
सुबह 9:18 बजे तक, निफ्टी 50 ने 116 अंकों या 0.47% की मजबूती के साथ 24,868.00 का स्तर छू लिया, जबकि बीएसई सेंसेक्स में 441 अंकों की तेजी दर्ज की गई और यह 81,753.20 पर कारोबार कर रहा था।
गिफ्ट निफ्टी फ्यूचर्स में भी मजबूती देखने को मिली, जो 82.50 अंक बढ़कर 24,830 पर पहुंच गया, जिससे निफ्टी 50 में सकारात्मक शुरुआत का संकेत मिला।
वैश्विक संकेत
एशियाई बाजारों में भी तेजी का माहौल देखने को मिला। प्रमुख एशियाई सूचकांकों में मजबूती दर्ज की गई, जो यह दर्शाता है कि वैश्विक निवेशकों की जोखिम लेने की प्रवृत्ति में इजाफा हुआ है।
क्षेत्रवार प्रदर्शन
- बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: इन सेक्टर्स में सबसे अधिक तेजी रही। वित्तीय शेयरों में खरीदारी के चलते बाजार को मजबूत समर्थन मिला।
- फार्मास्यूटिकल्स: इस सेक्टर में भी अच्छी खरीदारी देखी गई, जो हालिया बेहतर प्रदर्शन की निरंतरता को दर्शाता है।
- रियल एस्टेट: इस क्षेत्र के शेयरों में भी तेजी आई, जिसे सेक्टर से जुड़ी सकारात्मक घटनाओं ने समर्थन दिया।
खास स्टॉक्स पर नजर
आज जिन शेयरों पर निवेशकों की खास नजर रहने वाली है, उनमें प्रमुख हैं:
- इंडसइंड बैंक: हालिया घटनाक्रमों के चलते यह स्टॉक फोकस में है।
- IRCTC और SAIL: विश्लेषकों की राय और ताजा खबरों के चलते ये स्टॉक्स आज सक्रिय रह सकते हैं।
- दीपक नाइट्राइट और बजाज ऑटो: विश्लेषकों की सिफारिशों के आधार पर इन शेयरों में भी हलचल की उम्मीद है।
तकनीकी विश्लेषण
निफ्टी 50 इंडेक्स 22,950-23,000 के आसपास के प्रमुख प्रतिरोध स्तरों की ओर बढ़ रहा है। यदि यह स्तर पार हो जाता है, तो आगे की मजबूती की संभावना बढ़ जाएगी।
वहीं, नीचे की ओर 22,800-22,700 के स्तर पर तत्काल समर्थन देखा जा रहा है। यदि इन स्तरों के नीचे गिरावट आती है, तो बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है।
मुद्रा और कमोडिटीज
भारतीय रुपया 83.35 पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले हल्की कमजोरी के साथ खुला।
भू-राजनीतिक तनाव के बीच कच्चे तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 84 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रही हैं।
भारतीय शेयर बाजारों में आज सकारात्मक रुझान देखा जा रहा है, जिसमें वैश्विक संकेतों, क्षेत्रीय मजबूती और तकनीकी कारकों का बड़ा योगदान है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे प्रमुख तकनीकी स्तरों और सेक्टर-विशेष घटनाओं पर करीबी नजर रखें, ताकि संभावित ट्रेडिंग अवसरों का बेहतर उपयोग किया जा सके।