Wednesday, November 19, 2025

बिपाशा बसु ने याद किया जब ‘जिस्म’ में काम करने के लिए ‘पागल’ कहा गया

बॉलीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु ने हाल ही में उस दौर को याद किया जब उन्होंने फिल्म जिस्म में काम करने का साहसिक फैसला लिया था। उस समय वह इंडस्ट्री में सिर्फ़ तीन साल पुरानी थीं और राज और अजनबी जैसी हिट फिल्मों से खुद को एक सफल अभिनेत्री के तौर पर स्थापित कर चुकी थीं। लेकिन जब उन्होंने महेश भट्ट की कामुक थ्रिलर जिस्म साइन की, तो इस फैसले को कई लोगों ने नासमझी और करियर को खतरे में डालने वाला कदम करार दिया।

जिस्म का विषय वयस्क था और इसका शीर्षक भी काफी उत्तेजक माना गया। ऐसे में कई लोगों को लगा कि बिपाशा की “ठेठ हिंदी नायिका” की छवि को यह फिल्म नुकसान पहुंचा सकती है। लेकिन अभिनेत्री ने सभी विरोधों को नजरअंदाज करते हुए फिल्म करने का फैसला लिया, क्योंकि वह इसकी कहानी से बेहद प्रभावित थीं।

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में बिपाशा ने खुलकर बताया, “जिस्म वह समय था जब मैं अपने करियर के चरम पर थी। हर कोई मुझसे कहता था, ‘तुम ऐसी वयस्क विषय वाली फिल्म नहीं कर सकती। तुम तो वो हिंदी फिल्म की हीरोइन हो जिसे लोग प्यार करते हैं।’ लेकिन मुझे कहानी बेहद पसंद आई थी। मैंने तय किया कि मैं यह फिल्म करूंगी। सभी ने मुझे मना किया, यहां तक कि मेरे मैनेजर ने भी कहा कि मैं पागल हो गई हूं।”

बिपाशा ने यह भी बताया कि भले ही जिस्म जैसी फिल्म करना जोखिम भरा था, लेकिन इस फिल्म ने महिलाओं को स्क्रीन पर एक नए नज़रिए से प्रस्तुत किया। खासकर तब, जब बात ग्रे या नकारात्मक किरदारों की आती है। उन्होंने कहा, “इस फिल्म के बाद चीजें बदल गईं। महिलाएं अपने बाल टंगवा रही थीं, कांस्य रंग का मेकअप अपनाया जा रहा था। लोगों की सोच बदली कि एक महिला नकारात्मक भूमिका नहीं निभा सकती। जिस्म मेरे लिए पथ-प्रदर्शक रही। यह मेरे करियर की एक बेहद अहम फिल्म रही है।”

इस फिल्म का न सिर्फ़ फैशन और सौंदर्य की दुनिया पर प्रभाव पड़ा, बल्कि महिला किरदारों की पेशकश को लेकर भी सोच में बदलाव आया।

इससे पहले, टिंडर स्वाइप राइड नामक शो में फिल्म की निर्माता पूजा भट्ट ने एक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि फिल्म के अंतरंग दृश्यों की शूटिंग के दौरान वह लगातार बिपाशा की सहमति और सहजता को लेकर सतर्क थीं, लेकिन उसी सीन में शामिल अभिनेता जॉन अब्राहम की राय नहीं ली गई।

पूजा ने कहा, “मैं बार-बार बिपाशा से कह रही थी कि अगर तुम सहज नहीं हो, तो हम सीन को बदल सकते हैं। तभी जॉन ने मेरी तरफ देखा और कहा, ‘माफ कीजिए, क्या कोई मुझसे भी पूछेगा कि क्या मैं इसके लिए सहज हूं?’ उस पल मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझ पर ठंडा पानी डाल दिया हो। उस समय मुझे समझ आया कि यह कितना आत्म-केंद्रित सोच है कि केवल महिलाओं को ही असहजता महसूस होती है।”

जिस्म का निर्देशन अमित सक्सेना ने किया था और इसकी पटकथा महेश भट्ट ने लिखी थी। यह फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम की बॉलीवुड में पहली फिल्म थी और बॉक्स ऑफिस पर यह एक बड़ी सफलता साबित हुई। इसने न सिर्फ़ इरोटिक थ्रिलर शैली को मुख्यधारा में लाया, बल्कि आने वाले समय की फिल्मों की दिशा भी तय की।

जिस्म आज भी एक ऐसी फिल्म के रूप में याद की जाती है, जिसने अपने समय में साहसिक विषय को पर्दे पर लाकर एक नया मार्ग प्रशस्त किया — न सिर्फ़ महिला पात्रों के लिए, बल्कि फिल्म निर्माण की सोच के लिए भी।

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