Thursday, October 23, 2025

नगर निगम की लापरवाही से सब्जी विक्रेता की मौत, कूड़े के नीचे दबकर हुआ जिंदा दफन

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां नगर निगम कर्मियों की लापरवाही के कारण एक सब्जी विक्रेता की दर्दनाक मौत हो गई। 45 वर्षीय सुनील कुमार प्रजापति, जो पेशे से सब्जी विक्रेता था, सड़क किनारे एक पेड़ के नीचे सो रहा था, तभी नगर निगम की ट्रॉली ने नाली की गाद और कचरे का ढेर उसी स्थान पर फेंक दिया, जिससे वह जिंदा कूड़े के नीचे दब गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

यह घटना बरेली शहर के बारादरी इलाके की है। मृतक के परिवार के अनुसार, सुनील रोज की तरह मेहनत-मजदूरी कर घर लौटा था और रात में कब्रिस्तान के सामने एक पेड़ के नीचे सो गया था। तभी नगर निगम की सफाई ट्रॉली वहां पहुंची और बिना देखे ही नाली की गाद उसी स्थान पर फेंक दी। जब कर्मचारी कचरा डालकर चले गए, तब किसी ने गौर किया कि एक व्यक्ति उस कूड़े के नीचे दबा हुआ है। आनन-फानन में उसे बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मृतक के पिता गिरवर सिंह प्रजापति ने इस संबंध में स्थानीय बारादरी थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना महज लापरवाही नहीं, बल्कि एक जानलेवा लापरवाही का मामला है। उन्होंने कहा, “यह जगह गाद या कचरा डालने के लिए तय नहीं थी। नगर निगम कर्मियों ने बिना किसी जांच-पड़ताल के कचरा वहां फेंक दिया और चले गए। जब हमने देखा तो वह कूड़े के नीचे दबा पड़ा था।”

घटना की पुष्टि करते हुए सर्किल ऑफिसर (सिटी-III) पंकज श्रीवास्तव ने कहा, “शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था और रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि मौत अप्राकृतिक थी। यह प्रथम दृष्टया लापरवाही का मामला लगता है।” उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद सफाई कार्य के ठेकेदार नईम शास्त्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (लापरवाही से मृत्यु) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

पुलिस अब इस घटना की गहराई से जांच कर रही है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि यह घटना केवल लापरवाही थी या किसी ने जानबूझकर ऐसा किया। यह भी जांच हो रही है कि क्या उस वक्त सुनील नशे की हालत में था या वह पूरी तरह होश में था।

इस दुखद हादसे ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मेहनतकश सब्जी विक्रेता की जान महज लापरवाही के चलते चली गई और उसका परिवार अब न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रहा है।

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