Sunday, October 26, 2025

पाकिस्तानी अभिनेत्री मावरा होकेन को ‘सनम तेरी कसम’ एल्बम कवर से हटाया गया

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब सिर्फ राजनीतिक या सैन्य स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका सीधा प्रभाव कला और मनोरंजन की दुनिया पर भी पड़ने लगा है। सोशल मीडिया से शुरू हुआ बहिष्कार अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी दिखाई देने लगा है, जहां भारतीय संगीत एल्बमों और फिल्मों से पाकिस्तानी कलाकारों की मौजूदगी को चुपचाप हटा दिया जा रहा है।

‘सनम तेरी कसम’ एल्बम से मावरा को हटाया गया

सोमवार को यह सामने आया कि 2016 में रिलीज़ हुई फिल्म सनम तेरी कसम के म्यूजिक एल्बम के कवर से पाकिस्तानी अभिनेत्री मावरा होकेन की तस्वीर हटा दी गई है। मूल रूप से इस एल्बम के कवर पर मावरा होकेन और हर्षवर्धन राणे दोनों दिखाई देते थे, लेकिन अब Spotify और YouTube Music जैसे प्रमुख म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर केवल हर्षवर्धन राणे ही नजर आ रहे हैं।

निर्माता दीपक मुकुट ने दी प्रतिक्रिया

जब फिल्म के निर्माता दीपक मुकुट से इस बदलाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझसे इस बारे में कोई सलाह नहीं ली। यह उनका अपना निर्णय है। हमारी सरकार जो भी कहती है, सभी को उसका पालन करना होता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई व्यक्तिगत या प्रोडक्शन हाउस का निर्णय नहीं, बल्कि एक व्यापक नीति का हिस्सा हो सकता है।

हर्षवर्धन राणे ने क्या कहा?

फिल्म के मुख्य अभिनेता हर्षवर्धन राणे ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, “अब लोग कहेंगे कि मेरी PR टीम ने यह सब करवाया है! लेकिन ऐसा नहीं है। मुझे लगता है यह सामान्य ज्ञान की तरह है, जैसे निराई की जा रही हो।”

अन्य फिल्मों पर भी असर

ऐसा ही बदलाव 2017 में रिलीज़ हुई शाहरुख खान और पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान अभिनीत फिल्म रईस के म्यूजिक एल्बम में भी देखा गया। फिल्म के लोकप्रिय गीत ज़ालिमा के एल्बम कवर से माहिरा खान की छवि हटा दी गई है और अब वहां सिर्फ शाहरुख खान ही दिखाई दे रहे हैं। यह बदलाव भी YouTube, YouTube Music और Spotify जैसे प्लेटफॉर्म्स पर देखा गया है।

सरकार और इंडस्ट्री का रुख

भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमलों के बाद, भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत स्ट्रीमिंग सेवाओं और OTT प्लेटफॉर्म्स पर पाकिस्तानी कंटेंट को प्रतिबंधित किया गया है। इसी के चलते भारतीय फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री भी उन परियोजनाओं से पाकिस्तानी कलाकारों की छवि हटाने की प्रक्रिया अपना रही है, जिनमें पहले उनकी भागीदारी रही है।

मनोरंजन जगत में यह बदलाव एक बार फिर इस बात को रेखांकित करता है कि कला और कलाकार भी राजनीतिक निर्णयों और सीमाओं से अछूते नहीं रह गए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में यह रुख कितनी गहराई तक जाएगा और इसका प्रभाव दोनों देशों की सांस्कृतिक साझेदारी पर कितना पड़ेगा।

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