Monday, May 12, 2025

अनुराग कश्यप ने अखिल भारतीय फिल्मों को बताया ‘बड़ा घोटाला’

फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने ‘अखिल भारतीय’ यानी पैन-इंडिया फिल्मों के बढ़ते चलन को लेकर एक बार फिर जोरदार टिप्पणी की है, जिससे भारतीय फिल्म उद्योग में एक नई बहस छिड़ गई है। उन्होंने इस चलन को न सिर्फ ‘बड़ा घोटाला’ बताया, बल्कि इसकी स्थिरता और रचनात्मक मूल्यों पर भी गंभीर सवाल उठाए।

द हिंदू द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘द हडल’ में बोलते हुए कश्यप ने कहा कि इन महंगे और भव्य फिल्मों का मकसद सार्थक कहानी कहने के बजाय मुनाफा कमाना है। उन्होंने कहा, “मेरे विचार से अखिल भारतीय एक बड़ा घोटाला है।”

कश्यप ने बताया कि एक फिल्म को बनने में तीन से चार साल लगते हैं, और इस दौरान कई लोग उस एक फिल्म पर निर्भर रहते हैं। उनका जीवन-यापन और जीवनशैली उसी फिल्म से जुड़ी होती है। लेकिन इसके बावजूद फिल्म में लगने वाला अधिकांश पैसा दिखावे पर खर्च होता है।

“सारा पैसा फिल्म में नहीं जाता,” उन्होंने कहा। “जो पैसा खर्च होता है, वह इन बड़े-बड़े अवास्तविक सेटों पर होता है जिनका कोई खास मतलब नहीं होता। और इनमें से केवल एक प्रतिशत ही फिल्म की कहानी में उपयोगी साबित होता है।”

‘पैन-इंडिया’ फिल्मों का मतलब ऐसी फिल्मों से है जो एक साथ कई भारतीय भाषाओं में रिलीज होती हैं। यह ट्रेंड 2015 में ‘बाहुबली’ की जबरदस्त सफलता के बाद शुरू हुआ। इसके बाद ‘केजीएफ’, ‘पुष्पा’ और ‘आरआरआर’ जैसी फिल्मों ने इस मॉडल को और लोकप्रिय बना दिया।

हालांकि, अनुराग कश्यप ने इस प्रवृत्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह रचनात्मकता की कीमत पर हो रहा है। उन्होंने कहा, “उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक” सफल हुई और हर कोई राष्ट्रवादी फिल्में बनाने लगा। “बाहुबली” हिट हुई तो सभी प्रभास या अन्य बड़े अभिनेताओं के साथ भव्य फिल्में बनाना चाहने लगे। फिर ‘KGF’ आई और सभी उसे कॉपी करने लगे। यहीं से कहानी कहने की कला में गिरावट शुरू हुई।”

फिर भी, कश्यप ने कुछ खास प्रोजेक्ट्स की सराहना भी की। उन्होंने एस.एस. राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’ की तारीफ करते हुए कहा, “RRR को तो सफल होना ही था। ‘बाहुबली’ लंबाई के कारण कुछ हद तक सीमित रही, लेकिन दुनिया भर में हर सिनेमा प्रेमी ने इसे देखा। मैंने आरआरआर की रिलीज से पहले ही कह दिया था कि यह भारत में हिट होगी।”

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत में हर साल लगभग 1,000 फिल्में बनती हैं, लेकिन उनमें से केवल पांच या छह ही बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता हासिल कर पाती हैं।

काम के मोर्चे पर, अनुराग कश्यप की आखिरी निर्देशित फिल्म ‘कैनेडी’ अब भी भारत में रिलीज होने की राह देख रही है। वहीं, वह हाल ही में अभिनेता के रूप में ‘राइफल क्लब’ और ‘विदुथलाई पार्ट 2’ में नजर आए हैं।

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