भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान को आंतरिक मोर्चों पर भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। दक्षिणी वज़ीरिस्तान और बलूचिस्तान में हुए हमलों में कुल 22 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच विद्रोही संगठनों ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है।
दक्षिणी वज़ीरिस्तान में बड़ा आतंकी हमला
गुरुवार रात दक्षिणी वज़ीरिस्तान के शाकाई सब-डिवीजन स्थित डॉनगेट चौकी पर TTP ने एक घातक हमला किया। यह हमला बहु-चरणीय रणनीति के तहत किया गया, जिसमें पहले लेज़र-सहायता प्राप्त राइफलों से छह सैनिकों को मार गिराया गया। इसके बाद चौकी की सहायता के लिए भेजे गए सैन्य काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया।
TTP के अनुसार, इस हमले में कुल 20 सुरक्षाकर्मी मारे गए और पांच घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खोरासानी ने दावा किया कि यह बदले की कार्रवाई थी।
जैश-ए-मोहम्मद की जानकारी लीक करने का आरोप
TTP ने पाकिस्तानी सेना पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मरकज की लोकेशन भारत को लीक की, जिसके चलते भारतीय वायुसेना ने वहां हमला किया। इस हमले में जैश प्रमुख मसूद अजहर के 10 रिश्तेदारों समेत 14 लोग मारे गए थे।
खोरासानी ने पाकिस्तानी सेना को “देशद्रोही और पश्चिमी समर्थक” बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने सेना को “पेशेवर हत्यारा समूह” करार दिया, जो विदेशी हितों की पूर्ति के लिए अपने ही देशवासियों की बलि देता है।
बलूचिस्तान में भी ताबड़तोड़ हमले
शुक्रवार शाम बलूच स्वतंत्रता सेनानियों ने बलूचिस्तान के कई क्षेत्रों में समन्वित हमले किए। इनमें तुर्बत का डी बलूच क्षेत्र शामिल है, जहां सेना पर ग्रेनेड हमला हुआ। इसके अलावा क्वेटा के हज़ारगंजी और फैज़ाबाद क्षेत्रों में भी पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर दो ग्रेनेड हमले किए गए।
इन हमलों के दो दिन पहले ही बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने बोलन क्षेत्र में एक पाकिस्तानी सैन्य वाहन को IED से निशाना बनाया था। इस विस्फोट में कम से कम आठ सैनिक मारे गए थे, जिनमें एक विशेष ऑपरेशन कमांडर भी शामिल था। छह सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए।
लगातार बढ़ रहे हमले, पाकिस्तान पर तीनतरफा दबाव
इन हमलों से स्पष्ट है कि पाकिस्तान अब तीन मोर्चों पर दबाव झेल रहा है—भारत के साथ सीमा पर तनाव, TTP का ‘ऑपरेशन खंदक’ और बलूच विद्रोहियों के बढ़ते हमले। BLA ने अब स्नाइपर्स, रिमोट-कंट्रोल विस्फोटक और घात लगाकर हमले करने की रणनीति अपनाई है, जिससे पाकिस्तानी सेना की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है और पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है।

