पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ अधिनियम में संशोधन के विरोध के दौरान भड़की हिंसा में दोहरे हत्याकांड के एक मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी रविवार को हुई और आरोपी की पहचान जियाउल शेख के रूप में की गई है, जो सुलीताला पुरबापारा गांव का निवासी है। जियाउल 12 अप्रैल से फरार था।
पुलिस के अनुसार, यह गिरफ्तारी उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा क्षेत्र से एक विशेष कार्य बल (STF) और विशेष जांच दल (SIT) की संयुक्त कार्रवाई के तहत की गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जियाउल शेख ने भीड़ को उकसाया था, जिसने शमशेरगंज के जाफराबाद गांव में पीड़ित हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास के घर में तोड़फोड़ की और फिर उनकी हत्या कर दी। पुलिस के पास आरोपी की घटनास्थल पर मौजूदगी के सबूत के रूप में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टावर रिकॉर्ड हैं।
इस मामले में अब तक कुल चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इससे पहले पुलिस ने कालू नादर, उसके भाई दिलदार और इंजमाम उल हक को गिरफ्तार किया था। कालू को बीरभूम जिले से पकड़ा गया, जबकि दिलदार को मुर्शिदाबाद के बांग्लादेश सीमा से सटे क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। इंजमाम को सुरीपारा गांव से हिरासत में लिया गया।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान तीन लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए। पुलिस ने इस हिंसा से संबंधित अब तक 100 से अधिक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की हैं और 276 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
इधर, शनिवार रात को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक खुले पत्र के माध्यम से जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सांप्रदायिक विभाजन फैलाने के उद्देश्य से इस हिंसा का उपयोग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा के पश्चिम बंगाल सह-प्रभारी अमित मालवीय ने रविवार को ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने राज्य सरकार पर हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी पर भाजपा के खिलाफ “दुर्भावनापूर्ण और झूठा अभियान” चलाने का भी आरोप लगाया।
यह घटना राज्य में बढ़ते राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव की ओर इशारा करती है, जहां कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
