Sunday, October 26, 2025

अमेरिका का यमन पर सबसे घातक हमला: 58 की मौत, 100 से अधिक घायल

शुक्रवार को हुथी विद्रोहियों ने बताया कि यमन के एक प्रमुख ईंधन बंदरगाह पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों में कम से कम 58 लोग मारे गए। यह हमला अब तक का सबसे घातक माना जा रहा है, जो ईरान समर्थित इस समूह के खिलाफ वाशिंगटन के अभियान का हिस्सा है।

हूथी नियंत्रित एक टेलीविजन चैनल ने रात के समय के आकाश में जलती हुई भीषण आग की फुटेज प्रसारित की। चैनल ने दावा किया कि इस हमले में 126 लोग घायल भी हुए हैं।

अमेरिका का मकसद: आपूर्ति और धन के स्रोत को काटना

अमेरिकी सेना ने कहा कि उसने लाल सागर पर स्थित रास इस्सा ईंधन टर्मिनल को निशाना बनाया, ताकि हूथियों की आपूर्ति और फंडिंग के स्रोत को खत्म किया जा सके। यह इलाका अरब प्रायद्वीप के सबसे गरीब देश यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूथियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

यह हमला अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई हमलों की श्रृंखला का हिस्सा है। यह ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ईरान के साथ उसके परमाणु कार्यक्रम पर रोम में वार्ता दोबारा शुरू करने वाला है।

मौत और तबाही की दर्दनाक तस्वीरें

हूथियों के अल-मसीरा टीवी चैनल ने टर्मिनल से लगभग 50 किलोमीटर दूर होदेदा में स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि “हमले में अब तक 58 लोगों की मौत और 126 के घायल होने की पुष्टि हुई है।”

हालांकि, समाचार एजेंसी एएफपी स्वतंत्र रूप से इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं कर सकी।

शुक्रवार की सुबह प्रसारित की गई तस्वीरों में समुद्र तट से कुछ दूरी पर एक आग का गोला जलता हुआ नजर आ रहा था, जिससे धुएं के घने गुबार उठते दिखाई दिए। चैनल ने स्ट्रेचर पर लेटे हुए घायल लोगों के इंटरव्यू भी दिखाए। एक कर्मचारी ने बताया, “हम भागे, एक के बाद एक हमले हुए, फिर सब कुछ जल गया।”

लगातार हमलों की श्रृंखला

हूथियों पर अमेरिकी हमले जनवरी 2024 में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में शुरू हुए थे, लेकिन ट्रम्प के कार्यकाल में यह अभियान और भी तीव्र हो गया। अमेरिका ने हूथियों को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। इसके बावजूद रास इस्सा बंदरगाह से ईंधन की आपूर्ति जारी रहने का आरोप लगाया गया है।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने एक बयान में कहा, “हमने ईरान समर्थित हूथी आतंकवादियों के ईंधन स्रोत को खत्म करने की कार्रवाई की है ताकि उन्हें अवैध राजस्व से वंचित किया जा सके, जो पूरे क्षेत्र को एक दशक से अधिक समय से आतंकित कर रहे हैं।”

गाजा युद्ध और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

हूथियों ने अक्टूबर 2023 में गाजा युद्ध शुरू होने के बाद समुद्री मार्गों और इज़राइल पर हमले करने शुरू कर दिए थे। वे इन हमलों को फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता के रूप में बताते हैं। हालांकि, हाल ही में दो महीने के संघर्षविराम के दौरान इन हमलों में कुछ विराम आया था।

पिछले हमलों की श्रृंखला की शुरुआत 15 मार्च को हुई थी, जिसमें 53 लोगों की मौत हुई थी।

हूथियाँ ईरान की “प्रतिरोध की धुरी” का हिस्सा हैं, जिसमें गाजा का हमास और लेबनान का हिज़्बुल्लाह भी शामिल हैं — दोनों ही इज़राइल के साथ चल रहे युद्ध और उसके द्वारा किए गए लक्षित हमलों से बुरी तरह प्रभावित हैं।

ईरान, हमास और चीन की प्रतिक्रिया

ईरान ने अमेरिका के हालिया हमलों को “बर्बर” करार दिया है, जबकि हमास ने इसे “स्पष्ट आक्रमण” बताया है। अमेरिका और ईरान शनिवार को तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के लिए बातचीत जारी रखने वाले हैं। हाल में ईरान पर यह आरोप लगाया गया है कि वह परमाणु हथियार बनाने के और करीब पहुँच चुका है।

चीन पर भी आरोप

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने आरोप लगाया कि चीनी सैटेलाइट कंपनी चांग गुआंग सैटेलाइट टेक्नोलॉजी कंपनी ने हूथी हमलों में “सीधा समर्थन” दिया है। उन्होंने बताया कि यह कंपनी हूथियों को सैटेलाइट इमेजरी प्रदान कर रही है, जो अमेरिकी हितों को नुकसान पहुँचाने में मददगार बन रही है।

वैश्विक व्यापार पर असर

हूथियों के लाल सागर में किए गए हमलों का असर वैश्विक व्यापार पर भी पड़ा है। यह मार्ग दुनिया के लगभग 12% व्यापार का हिस्सा है। इन हमलों के कारण कई कंपनियों को अफ्रीका के दक्षिणी सिरे से होकर लंबा और महंगा रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ा है।

नारों और विरोध के बीच गुस्सा

अल-मसीरा टीवी ने यह भी दिखाया कि उत्तरी यमन के सादा शहर में सैकड़ों लोगों ने “अमेरिका को मौत! इज़राइल को मौत!” जैसे नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किए।

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