पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार, 15 अप्रैल को एक सड़क किनारे बम विस्फोट में तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि 18 अन्य घायल हो गए। यह घटना देश के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में लंबे समय से जारी हिंसा के बीच एक बार फिर अस्थिरता को उजागर करती है।
विस्फोट मस्तुंग जिले में उस समय हुआ जब सुरक्षा बलों का एक वाहन वहां से गुजर रहा था। यह इलाका पहले से ही अलगाववादी गतिविधियों और हिंसक संघर्षों के लिए कुख्यात रहा है। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घायलों का इलाज किया जा रहा है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
हालांकि अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन संदेह बलूच विद्रोहियों पर जताया जा रहा है। इनमें सबसे सक्रिय संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) है, जिसे अमेरिका ने 2019 में आतंकवादी संगठन घोषित किया था। ये गुट बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करते हैं और पाकिस्तान सरकार पर आर्थिक शोषण और उपेक्षा का आरोप लगाते हैं।
पाकिस्तानी सरकार का दावा है कि उसने उग्रवाद को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद बलूचिस्तान में आम नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमले लगातार होते रहते हैं। अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से सटा यह प्रांत रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
इसी दिन, एक और घटना में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने दो पोलियो स्वास्थ्य कर्मियों का अपहरण कर लिया। इससे पहले, हमलावरों ने एक वाहन पर गोलीबारी भी की। पुलिस अधिकारी जाहिद खान के अनुसार, ये स्वास्थ्य कर्मी एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से लौट रहे थे।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान 21 अप्रैल से शुरू होने वाले राष्ट्रव्यापी पोलियो टीकाकरण अभियान की तैयारी कर रहा है, जिसका लक्ष्य देशभर में 4.5 करोड़ बच्चों को पोलियो से बचाव के लिए टीका देना है।
हालांकि इस अपहरण की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, लेकिन पूर्व में इस तरह के हमलों के लिए कट्टरपंथी इस्लामी समूहों को जिम्मेदार ठहराया गया है। ये समूह पोलियो टीकाकरण को लेकर झूठे प्रचार करते हैं कि यह पश्चिमी देशों की मुस्लिम बच्चों को बांझ बनाने की साजिश है। इस तरह की भ्रांतियों और हिंसा ने पाकिस्तान में सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों को गंभीर रूप से बाधित किया है।
पाकिस्तान में वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक पोलियो के छह नए मामले सामने आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान ही दुनिया के उन दो देशों में शामिल है जहां पोलियो वायरस अभी भी सक्रिय रूप से फैल रहा है और यह स्थायी पक्षाघात या मृत्यु का कारण बन सकता है।
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर पाकिस्तान की नाजुक सुरक्षा स्थिति को उजागर किया है, जहां आतंकवादी और विद्रोही तत्व न केवल आम नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं बल्कि जीवनरक्षक स्वास्थ्य सेवाओं को भी बाधित करते हैं।
प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने बम धमाके की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक देश से इसका पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता।

