Monday, November 17, 2025

पी. चिदंबरम ने वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट के बीच LPG, पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी की निंदा की

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार को केंद्र सरकार की उस नीति की कड़ी आलोचना की, जिसके तहत वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद घरेलू LPG, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने इसे जनता के साथ अन्याय करार दिया और सरकार की नीयत पर सवाल उठाया।

चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं उस संदर्भ को सामने रख रहा हूं जिसमें केंद्र सरकार ने LPG सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि की है और पेट्रोल व डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया है। यह तब हो रहा है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं।”

उन्होंने कहा कि यह विरोधाभास जनता के सामने आना चाहिए और मीडिया को इस पर गंभीरता से सवाल उठाने चाहिए। उन्होंने लिखा, “माननीय केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री के ‘स्पष्टीकरण’ को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए और मीडिया को उनसे इस फैसले के पीछे की असली वजहों को लेकर अधिक तीखे सवाल पूछने चाहिए।”

2025 में तेल की कीमतों में भारी गिरावट

वर्ष 2025 की शुरुआत से ही वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई है। 1 जनवरी से अब तक ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 10.31 डॉलर प्रति बैरल (लगभग 14.37 प्रतिशत) की गिरावट आई है। वर्तमान में ब्रेंट क्रूड की कीमत 64.62 डॉलर प्रति बैरल है, जो जुलाई 2008 में दर्ज हुए ऐतिहासिक उच्च स्तर 147.27 डॉलर प्रति बैरल से काफी नीचे है।

इस वैश्विक गिरावट के बावजूद केंद्र सरकार ने घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिसे विपक्ष ने पूरी तरह अनुचित और जनविरोधी कदम बताया है।

LPG सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को घोषणा की कि 8 अप्रैल से घरेलू LPG सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ा दी जाएगी।

नई दरों के अनुसार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब प्रत्येक सिलेंडर के लिए 550 रुपये देने होंगे, जो पहले 500 रुपये था। वहीं, अन्य उपभोक्ताओं के लिए बिना सब्सिडी वाले LPG सिलेंडर की कीमत अब बढ़कर 853 रुपये हो गई है।

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब आम जनता पहले से ही महंगाई और आर्थिक दबाव झेल रही है, और वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं। ऐसे में सरकार के इस कदम पर सवाल उठना लाजिमी है।

चिदंबरम के बयान ने विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है और सरकार पर दबाव बढ़ाया है कि वह अपने इस निर्णय की पारदर्शी और तथ्यात्मक सफाई दे।

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