विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेताओं पर भारत के खिलाफ “हास्यास्पद” आरोप लगाने का आरोप लगाया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में उन्होंने ओमान में अपने बांग्लादेशी समकक्ष तौहीद हसन से मुलाकात की थी। यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
नई दिल्ली में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान जयशंकर ने कहा, “अगर हर दिन अंतरिम सरकार में कोई खड़ा होकर हर चीज के लिए भारत को दोषी ठहराता है… अगर आप रिपोर्ट देखें तो उनमें से कुछ आरोप बेहद हास्यास्पद हैं। आप एक तरफ यह नहीं कह सकते कि ‘मैं भारत के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता हूं’, लेकिन फिर हर सुबह उठकर हर समस्या के लिए भारत को दोषी ठहराते हैं। यह बांग्लादेश को तय करना होगा कि वह भारत के साथ कैसा संबंध चाहता है।”
जयशंकर ने भारत और बांग्लादेश के ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करते हुए 1971 के मुक्ति संग्राम की याद दिलाई, जब भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी ने मिलकर पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) को मुक्त कराया था। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह भारत के साथ किस प्रकार का संबंध चाहता है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में मौजूदा समस्याएं
जयशंकर ने भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों में दो प्रमुख समस्याओं का जिक्र किया:
- अल्पसंख्यकों पर हमले
जयशंकर ने कहा, “हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते सांप्रदायिक हमले हैं। यह कुछ ऐसा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह हमारी सोच को प्रभावित करता है और इसे लेकर हमने अपनी चिंताओं को पहले भी स्पष्ट किया है।” भारत लंबे समय से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताता रहा है। इन हमलों में वृद्धि तब देखी गई जब अगस्त 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाकर देश में बढ़ते जनविरोध के बीच उन्हें दिल्ली भागने पर मजबूर कर दिया गया था। - बांग्लादेश की घरेलू राजनीति
जयशंकर ने बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को दूसरी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि बांग्लादेश में स्थिति सामान्य हो, लेकिन भारत के खिलाफ लगातार शत्रुतापूर्ण बयानबाजी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “नई दिल्ली ने साफ कर दिया है कि हम चाहते हैं कि हालात शांतिपूर्ण रहें, लेकिन हम भारत के खिलाफ लगातार नकारात्मक संदेशों को पसंद नहीं करते।”
बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश ने अपने यहां हिंदू समुदाय पर हुए हमलों को हल्का करार देते हुए भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग की है, ताकि उनके खिलाफ “सत्तावादी” शासन और भारत-समर्थक नीतियों के कारण हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए “नरसंहार” पर मुकदमा चलाया जा सके।
इस बीच, जयशंकर ने उल्लेख किया कि यह पहली बार नहीं है जब भारत ने बांग्लादेश में अस्थिरता को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने याद दिलाया कि सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से मुलाकात की थी। यह मुलाकात शेख हसीना के हटने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच पहली उच्च-स्तरीय वार्ता थी।
निष्कर्ष
भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने तनाव को बढ़ा दिया है। भारत ने साफ किया है कि वह अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है, लेकिन बांग्लादेश को यह तय करना होगा कि वह भारत को किस नजरिए से देखता है—एक साझेदार के रूप में या एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में।