पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा पनामा भेजे गए 12 भारतीय नागरिक रविवार को भारत लौट आए।
इन भारतीय नागरिकों को अमेरिका से निकालकर पहले पनामा भेजा गया था, जहां से वे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। इनमें से चार व्यक्ति पंजाब के थे, जिन्हें दिल्ली से अमृतसर भेजा गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने अमेरिका ने तीन अलग-अलग उड़ानों में कुल 332 भारतीयों को वापस भेजा है।
ये 12 भारतीय उन 299 अवैध प्रवासियों के समूह का हिस्सा थे, जिन्हें अमेरिकी सरकार ने पनामा भेजा था। पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने देश को इन प्रवासियों के लिए “ब्रिज” यानी एक मार्ग के रूप में उपयोग किए जाने की सहमति दी थी, जिसके बाद वे वहां पहुंचे।
इसी तरह, कोस्टा रिका सरकार ने भी 19 फरवरी को भारत और मध्य एशिया से 200 अवैध प्रवासियों के साथ एक अमेरिकी उड़ान को स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की थी। इन प्रवासियों को अमेरिका से निकाला गया था और वापस उनके मूल देशों में भेजा जा रहा था।
ये घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों पर की जा रही कड़ी कार्रवाई की पृष्ठभूमि में सामने आए हैं। 24 जनवरी को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह उचित दस्तावेजों के बिना विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह बयान तब आया जब रिपोर्टों में दावा किया गया कि भारत ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर अमेरिका से लगभग 18,000 भारतीय नागरिकों को वापस लाने की प्रक्रिया में सहयोग कर रहा है। इनमें वे भारतीय शामिल हैं जो बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे थे या वीजा अवधि समाप्त होने के बावजूद वहीं रुके हुए थे।
6 फरवरी को संसद में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सभी देशों को अपने नागरिकों को वापस लेना चाहिए, यदि वे विदेशों में अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया उनकी राष्ट्रीयता के सत्यापन पर आधारित होगी।
जयशंकर ने कहा, “यह नीति किसी विशेष देश के लिए नहीं है और न ही केवल भारत द्वारा अपनाई गई कोई अनूठी नीति है। यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक व्यापक रूप से स्वीकृत सिद्धांत है।”
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में करीब 2,20,000 भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं। अक्टूबर 2024 तक के 12 महीनों में, अमेरिका ने 1,100 से अधिक भारतीयों को निर्वासित किया।