ज़ीरोधा के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने हाल ही में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद के एक बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें गोपीचंद ने माता-पिता को सलाह दी थी कि यदि उनके पास मजबूत वित्तीय सहायता नहीं है, तो वे अपने बच्चों को खेल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित न करें।
श्री कामथ ने एक लेख के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिनमें श्री गोपीचंद का यह विचार सामने आया कि जब तक माता-पिता अमीर न हों, उन्हें अपने बच्चों को पेशेवर रूप से खेल में आगे बढ़ाने पर विचार नहीं करना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्री कामथ ने उनकी चिंताओं को स्वीकार किया, लेकिन खेल उद्योग में बढ़ते अवसरों को रेखांकित करते हुए एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
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नितिन कामथ का दृष्टिकोण
“मैं पुलेला गोपीचंद की चिंता को समझता हूं कि ‘जब तक आप अमीर न हों, अपने बच्चे को खिलाड़ी न बनाएं’, लेकिन मेरा दृष्टिकोण थोड़ा अलग है,” श्री कामथ ने लिखा।
उन्होंने एक ऐसे करियर की कठिनाइयों को उजागर किया, जिसे कोई व्यक्ति पसंद नहीं करता। उन्होंने लिखा, “कल्पना कीजिए कि आप किसी ऐसी चीज़ का अध्ययन कर रहे हैं, जिसे आप पसंद नहीं करते, या आप किसी ऐसे क्षेत्र में फंसे हुए हैं, जहां आप जानते हैं कि आपके कौशल कहीं और अधिक उपयोगी हो सकते हैं। इस स्थिति में, आपकी सफलता की संभावना कम हो जाती है। यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जिससे आपको लगाव नहीं है, तो आप नौकरी की सुरक्षा की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? यह चुनौती उन पेशेवरों के लिए और भी गंभीर हो जाती है, जो AI-प्रथम दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं।”
श्री कामथ ने यह भी बताया कि यह स्थिति खेलों के क्षेत्र में भी लागू होती है। उनके अनुसार, यदि कोई व्यक्ति पेशेवर खिलाड़ी बनने का प्रयास करता है और सफल नहीं हो पाता, तो आज के समय में उसके पास कई अन्य अवसर उपलब्ध हैं।
उन्होंने लिखा, “अगर कोई खेलों के प्रति जुनूनी है, पेशेवर खिलाड़ी बनने की कोशिश करता है, लेकिन सफल नहीं हो पाता, तो आज के दौर में कोच या व्यक्तिगत प्रशिक्षक बनने के अवसर पहले से कहीं अधिक हैं। इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है।”
खेल उद्योग में नए अवसरों की ओर संकेत
श्री कामथ, जो ज़ीरोधा के रेनमैटर फ़ाउंडेशन के सह-संस्थापक भी हैं, ने खेल और फिटनेस उद्योग में बदलते रुझानों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि लोग अब व्यक्तिगत प्रशिक्षण और कोचिंग के लिए भुगतान करने को तैयार हैं। उन्होंने लिखा, “हम @Rainmatterin के कुछ भागीदारों, जैसे @FITTRwithsquats, @gametheoryindia, आदि के माध्यम से एक प्रवृत्ति देख रहे हैं। लोग अब फिटनेस कोचिंग और प्रशिक्षण सेवाओं के लिए पहले से कहीं अधिक भुगतान कर रहे हैं। हमें इस क्षेत्र में और नवाचार की आवश्यकता है, जैसे कि @urbanclap ने घरेलू सेवाओं के लिए पेशेवरों के साथ किया था।”
लोगों की प्रतिक्रियाएँ
श्री कामथ की इस सोच को कई लोगों का समर्थन मिला।
एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “बहुत सही बात कही। जब कोई व्यक्ति अपने भविष्य की कमाई की चिंता किए बिना अपने जुनून को आगे बढ़ाने में सक्षम होता है, तो यह किसी देश के विकास के स्तर को दर्शाता है। हमें ऐसी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए, जहां हर व्यक्ति को अपनी रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिले।”
एक अन्य उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, “जुनून कभी भी केवल अमीरों तक सीमित नहीं होना चाहिए। जबकि वित्तीय स्थिरता महत्वपूर्ण है, आज की दुनिया पहले से अधिक अवसर प्रदान करती है। कोचिंग, प्रशिक्षण, कंटेंट क्रिएशन, और यहां तक कि खेलों में उद्यमिता के रूप में कई नए विकल्प उपलब्ध हैं। यदि किसी व्यक्ति में कौशल और अनुकूलनशीलता है, तो वह अपने लिए एक रास्ता जरूर खोज लेगा।”
निष्कर्ष
इस बहस में एक ओर जहां पुलेला गोपीचंद ने खेलों में करियर बनाने के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति को आवश्यक बताया, वहीं नितिन कामथ ने यह तर्क दिया कि आज के समय में खेलों में करियर बनाने के कई नए विकल्प उपलब्ध हैं। बदलते समय और तकनीक के साथ अब खिलाड़ियों के पास न केवल प्रतियोगी बनकर बल्कि कोच, प्रशिक्षक, और अन्य संबंधित भूमिकाओं में भी करियर बनाने के अवसर हैं।