नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भीषण भगदड़ हादसे में 18 लोगों की मौत के एक दिन बाद, उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक संगठित राष्ट्रीय रणनीति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस घटना को “राष्ट्रीय त्रासदी” करार देते हुए कहा कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को राष्ट्रीय मिशन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
भीड़ नियंत्रण के लिए नई रणनीति की जरूरत
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महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हमें भीड़ प्रबंधन के एक ऐसे प्रभावी टेम्पलेट की जरूरत है, जिसमें तकनीक और प्रक्रिया विश्लेषण का सही समावेश हो।” उन्होंने महिंद्रा विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और प्रबंधन स्कूलों से भी इस दिशा में काम करने की अपील की, जिससे एक ठोस भीड़ नियंत्रण योजना बनाई जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सभी को योगदान देना होगा।
भगदड़ कैसे हुई?
शनिवार रात करीब 10 बजे हजारों श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ के लिए एक विशेष ट्रेन में सवार होने के लिए स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब यह अफवाह फैली कि प्रयागराज एक्सप्रेस दूसरे प्लेटफॉर्म पर आएगी, तो लोगों में अफरा-तफरी मच गई और अचानक भगदड़ की स्थिति बन गई। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने इन दावों को खारिज करते हुए बताया कि घटना भीड़भाड़ के कारण हुई।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि भगदड़ की स्थिति तब पैदा हुई जब प्लेटफॉर्म 14 और 15 की ओर जाने वाले फुट-ओवर ब्रिज पर यात्री एक-दूसरे पर गिरने लगे। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस की देरी से प्लेटफॉर्म 12, 15 और 16 पर पहले से मौजूद भीड़ और बढ़ गई थी, जिससे हालात बिगड़ गए।
अस्पतालों में भर्ती और मृतकों के परिजनों को मुआवजा
इस हादसे में घायल हुए यात्रियों को तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि अधिकतर मौतें दम घुटने और छाती व पेट में गंभीर चोट लगने के कारण हुई हैं।
भारतीय रेलवे ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
उच्च स्तरीय जांच के आदेश
इस हादसे को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। उत्तर रेलवे के पीसीसीएम नरसिंह देव और पीसीएससी पंकज गंगवार की दो सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है, जो भगदड़ के कारणों की विस्तृत जांच करेगी।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई
घटना के बाद रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और भीड़ नियंत्रण के लिए रस्सियों का उपयोग किया जा रहा है। हादसे के कई घंटे बाद भी स्टेशन पर भारी भीड़ बनी हुई थी, जिससे अधिकारियों को स्थिति संभालने में काफी मुश्किलें आईं।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि क्या सरकार और रेलवे प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में सफल हो पाएंगे या नहीं।