12 फरवरी को इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों में 9% से अधिक की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह 52 सप्ताह के निचले स्तर 159.61 रुपये पर आ गया। निवेशकों ने कंपनी के कमजोर वित्तीय नतीजों के चलते इसके शेयरों को भारी मात्रा में बेचना शुरू कर दिया। तीसरी तिमाही में आय में गिरावट के कारण कंपनी के शुद्ध लाभ और राजस्व में भारी कमी देखी गई।
कंपनी के शुद्ध लाभ में 65% की गिरावट आई और यह घटकर 86 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 244.70 करोड़ रुपये था। सरकारी इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की इस कंपनी का राजस्व भी 10% घटकर 2,612.86 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में 2,929.54 करोड़ रुपये था। हालांकि, कमजोर आय के बावजूद कंपनी का परिचालन प्रदर्शन स्थिर बना रहा, क्योंकि EBITDA मार्जिन 8.2% पर अपरिवर्तित रहा।
शेयर बाजार में गिरावट का असर
सुबह 09:24 बजे, इरकॉन इंटरनेशनल के शेयर एनएसई पर 168.99 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। दिसंबर तिमाही के अंत में कंपनी की कुल ऑर्डर बुक 21,939 करोड़ रुपये थी, जिसमें रेलवे क्षेत्र से 17,075 करोड़ रुपये, राजमार्गों और अन्य परियोजनाओं से 4,775 करोड़ रुपये और अन्य छोटे प्रोजेक्ट्स से 89 करोड़ रुपये के ऑर्डर शामिल थे।
कंपनी की कमजोर आय के अलावा, वैश्विक स्तर पर बनी आर्थिक अनिश्चितताओं और व्यापक बाजार में जारी बिकवाली ने स्टॉक पर और दबाव बढ़ा दिया है। इरकॉन इंटरनेशनल ने 2024 की पहली छमाही में मजबूत तेजी देखी थी, लेकिन बढ़े हुए मूल्यांकन और कमजोर तिमाही नतीजों के चलते निवेशकों में मुनाफावसूली की होड़ मच गई, जिससे शेयर में भारी गिरावट आई।
शेयरों में भारी गिरावट, निवेशकों की चिंता बढ़ी
हाल के महीनों में बिकवाली इतनी तीव्र रही है कि स्टॉक ने साल-दर-साल अपने मूल्य का 22% खो दिया है। इसके अलावा, पिछले वर्ष जुलाई में 351.60 रुपये के अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूने के बाद से शेयर की कीमत लगभग आधी रह गई है।
आगे कंपनी के शेयरों का रुझान वैश्विक बाजार की स्थितियों, ऑर्डर बुक की मजबूती और आगामी तिमाही के वित्तीय नतीजों पर निर्भर करेगा।